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PLAY SCHOOL खोलने के लिए भी इन नियमों का करना पड़ेगा पालन,अब मनमर्जी से नहीं कर सकते संचालन…

जानिए प्ले स्कूल खोलने के कहां करे आवेदन और कैसे मिलेगी मान्यता…
तेज खबर 24 रीवा।
अयाज खान, अज्जू
अब प्ले स्कूलों के संचालन में मनमर्जी पर विराम लगा दिया गया है क्योंकि अब प्ले स्कूल खोलने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग से अनुमति लेना आवश्यक होगा। स्कूल खोलने के लिए संपूर्ण गाइड लाइन के अनुसार भवन व अन्य व्यवस्थाएं होना अनिवार्य कर दिया गया है।जिस स्थान पर स्कूल खोला जाएगा, उस ब्लाक के स्थानीय अधिकारी निरीक्षण करेंगे। यहां सब कुछ तय मापदंडों के अनुसार पाए जाने पर ही संचालन की अनुमति प्रदान की जाएगी।

दरअसल स्कूल संचालित करने के लिए नई व्यवस्था के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी प्री नर्सरी, केजी व प्ले स्कूलों को मान्यता देंगे। नई गाइडलाइन के अनुसार प्ले स्कूल खोलने वालों को जिला कार्यक्रम अधिकारी के पास आवेदन करना होगा और संबंधित अधिकारियों की टीम दौरा कर निरीक्षण करेगी।

दरअसल महिला एवं बाल विकास विकास मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल कमिशन और प्रोटक्शन आॅफ चाइल्ड राइट्स ने यह गाईडलाईन तैयार की है। गाइडलाइन का पालन नहीं होने पर स्कूल बंद कर दिए जाएंगे। मौजूदा प्राइवेट स्कूलों को भी 6 माह के भीतर गाइडलाइन को पूरा कर मान्यता लेनी होगी जिसमें हर 20 बच्चे पर एक टीचर और एक सहायक रखना अनिवार्य होगा। साथ ही स्कूल में सीसीटीवी इंस्टॉल करना भी जरूरी होगा। प्ले स्कूल जाने वाले बच्चों की उम्र सीमा भी तय की गई है।

जानिए क्या है गाइडलाइन…

प्ले स्कूलों को हर साल मान्यता नवीनीकरण अनिवार्य होगी।

अगर कोई प्ले स्कूल को बंद करता है तो इसकी भी अनुमति लेनी होगी।

नियमों पर खरा नहीं उतरा तो उसे बंद कर दिया जाएगा।

फीस हर साल शासन से निर्धारित की जाएगी, कोई भी मनमानी फीस वसूल नहीं कर सकेगा।

पालक व शिक्षक एसोसिएशन का भी गठन अनिवार्य होगा।

3 या 4 घंटे से ज्यादा कक्षाओं का संचालन नहीं होगा।

एक कक्षा में 20 बच्चों पर एक शिक्षक व एक सहायक का होना अनिवार्य रहेगा।

खेलकूद गतिविधियों के लिए ग्राउंड व पूरे परिसर में सीसीटीवी अनिवार्य है।

स्कूल के अंदर लाइब्रेरी अनिवार्य है जिसमें ऑडियो वीडियो सुविधा हो।

बच्चों के साथ स्टाफ का भी रिकॉर्ड अपडेट होना चाहिए।

संचालक या प्राचार्य पर जेजे एक्ट व पास्को एक्ट के साथ अन्य कोई भी आपराधिक प्रकरण नहीं होना चाहिए।

3 वर्ष से कम व 6 वर्ष से अधिक आयु के बच्चे नहीं पढ़ाए जा सकते।

कम से कम 2 अधिकारियों की कमेटी निरीक्षण करेगी।

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