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देवर भाभी का खूनी प्यार : पति की हत्या कर 17 महीने तक छिपाकर रखी लाश, देवर के प्यार में पागल पत्नी ने रची थी पति के हत्या की साजिश

जंगल में लाश मिलने के बाद हुआ खौफनाक हत्या का सनसनीखेज खुलाशा, जानिए कैसे खुला राज…
तेज खबर 24 रीवा।
राइटर : अयाज खान अज्जू
कहते है दुनिया में प्यार करना सबसे खूबसूरत एहसास है लेकिन जब यही प्यार हद पार कर जाए तो यह खूबसूरत से खौफनाक भी हो जाता है। कुछ ऐसा ही प्यार एक भाभी को अपने देवर से हुआ है जिसके बाद उसका अंजाम बेहद खौफनाक हुआ।
वकया है रीवा जिले के मऊगंज का जहां अपने देवर के प्यार में पागल भाभी ने अपने ही पति के हत्या की खौफनाक साजिश रच डाली और उसने पति को मौत की नींद सुलाने के बाद लाश को 17 महीने तक सुरक्षित छिपाकर रखा। लेकिन जब उस लाश को मजबूरी में हटाकर दूसरी जगह ठिकाने लगाया गया तो 17 महीने पहले की गई अंधी हत्या का राज खुल गया और पुलिस ने देवर व भाभी दोनों को हिरासत में ले लिया।


जानिए क्या है मामला…
26 अक्टूबर की शाम मऊगंज थाना पुलिस को सूचना मिलती है कि निबिहा गांव से सटे जंगल में सूखे नाले के बीच किसी अज्ञात व्यक्ति की लाश पड़ी हुई है। इस लाश को देखने वाले कोई और नहीं बल्कि गांव के ही चरवाहे थे। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची जहां पाया कि लाश काफी पुरानी है जो कंकाल में तब्दील हो चुकी है। मृतक के शरीर पर कपड़े थे और हाथ में चूड़ा था। फिलहाल रात हो जाने की वजह से पुलिस ने घटना स्थल को सुरक्षित कर सुबह एक बार फिर फारेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंची। फारेंसिक टीम के वैज्ञानिक अधिकारी डॉक्टर आरपी शुक्ला ने घटना स्थल सहित शव का बारीकी से निरीक्षण किया और पाया कि अज्ञात व्यक्ति की हत्या गला काटकर की गई है। हांलाकि मृतक की पहचान ना होने की वजह से शव को पीएम के लिये अस्पताल ले जाया गया लेकिन जब शव मिलने के तीसरे दिन जब मृतक की पहचान हुई और पुलिस ने तफ्तीश की तो हत्या के शक की सुई मृतक की पत्नी और भाई पर जा टिकी जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लेकर पूंछताछ शुरु कर दी।


ऐसे खुला हत्या का राज…
ग्राम निबिहा के जंगल में मिली लाश की पहचान ग्राम निबिहा निवासी सुनील पाल उम्र 40 वर्ष के रुप में हुई जो तकरीबन डेढ़ साल से लापता था। पुलिस ने जब मृतक सहित उसके परिवारजनों के संबंध में जानकारी जुटाई तो पत्नी का देवर से लव एंगल सामने आया और यहीं से पुलिस का निशाना ठिकाने पर जा लगा। पुलिस ने मृतक के छोटे भाई गुलाब पाल को हिरासत में लेकर पूंछताछ की तो उसने भाभी के साथ मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम देना बताया। फिर क्या था पुलिस ने बिना समय गवाएं देवर के दिए गए बयानों के आधार पर भाभी को भी हिरासत में ले लिया जिसने पुलिस की सलाखों के पीछे देवर को सामने देख सारा सच खुद ब खुद बयां कर दिया।


देवर और भाभी का अवैध संबंध बना हत्या की वजह…
इस मर्डर मिस्टी में मृतक की पत्नी का देवर से अफेयर ही हत्या की असली वजह बना। भाभी अपने देवर के प्यार में सारी हदें पार कर चुकी थी। पति की गैर मौजूदगी में पत्नी देवर के साथ रंगरलिया मनाती रहीं लेकिन कहते है प्यार कभी छिपता नहीं जो एक ना एक दिन पति के सामने आ गया। पत्नी और भाई के बीच प्रेम संबंधों की जानकारी जब पति को हुई तो उसने आपत्ति दर्ज कराई लेकिन पत्नी अपने देवर के प्यार में इस पागल हो चुकी थी कि वह किसी भी हद से गुजर सकती थी और उसने कुछ ऐसा ही किया। प्यार में रोड़ा बन रहे पति को रास्ते से हटाने के लिये पत्नी ने देवर के साथ मिलकर पति के कत्ल की खौफनाक साजिश रची और उसे मौत की नींद सुला दिया।


ऐसे दिया गया कत्ल की खौफनाक वारदात को अंजाम…
तकरीबन 17 माह पूर्व पत्नी ने देवर के साथ मिलकर पति की हत्या करने की साजिश रची और साजिश के मुताबिक उसने घटना दिनांक को खाने में उसने चाट बनाया और उसी चाट में जहर मिलाकर पति को खिला दिया। पति के बोहोश होते ही घर में ही रखे गड़ासे से गर्दन काट दी जिससे उसकी मौत हो गई। इस हत्याकांड में मृतक की पत्नी के साथ साथ मृतक का भाई भी बराबर का जिम्मेदार था जिसने ना सिर्फ हत्या करने में मदद की बल्कि लाश को ठिकाने भी लगाया।


भूसे के ढेर में 17 महीने तक छिपाकर रखी गई लाश
हत्या की वारदात के बाद आरोपी देवर भाभी ने घर से करीब आधा किलोमीटर दूरी बनी अहरी में लाश को भूसे के ढेर में दफन कर दिया। तकरीबन 17 महीने तक हत्या का यह राज भी उसी लाश के साथ भूसे के ढेर में दफन था लेकिन जब भूसा खत्म होने की कगार पर आया तो हत्यारों को राज खुलने का डर सताने लगा और उन्होंने लाश को हटाने की योजना बनाई। देवर ने 17 महीने बाद लाश को भूसे के ढेर से बाहर निकाला और लाश मिलने के दो दिन पूर्व ही गांव से सटे जंगल में ले जाकर उसे नाले में ठिकाने लगा दिया, जिसके मिलते ही अंधी हत्या का राज खुल गया।


शव को देखकर पुलिस और फारेंसिक टीम भी रह गई हैरान
जंगल में मिली लाश काफी पुरानी हो चुकी थी लेकिन इतनी पुरानी होगी इसका अंदाजा ना तो पुलिस को था और ना ही फारेंसिक टीम को चूंकि लाश ना तो सड़ी थी और ना ही उस कीडे़ लगे थे लेकिन वह सूखकर कंकाल तब्दील हो चुकी थी। पुलिस और फारेंसिक टीम भी हैरान थी कि लाश आखिर सड़ी क्यों नहीं और उस पर कीड़े भी नहीं पड़े लेकिन जब सामने आया कि लाश को भूसे के ढेर में छिपाकर रखा गया था तो सभी की हैरानी दूर हो गई।


कई अन्य की भूमिका संदिग्ध…
17 माह पूर्व हुई हत्या की जांच में देवर और भाभी के साथ साथ कुछ अन्य संदेहियों के नाम भी सामने आए है। पुलिस को जिन पर संदेह है वह मृतक के परिवार के ही है जिन्होंने लाश को ठिकाने लगाने में मृतक के भाई की मदद की थी। पुलिस ने फिलहाल संदेहियो को हिरासत में ले लिया है और उनसे उनकी भूमिकाओं के संबंध में पूंछताछ की जा रही है।


4 वर्ष पूर्व मृतक ने की थी दूसरी शादी
मृतक सुनील पाल ने पहली पत्नी की मौत के बाद 4 वर्ष पूर्व ही बिटोल पाल निवासी चन्द्रगढ़ जिला मिर्जापुर उत्तरप्रदेश से दूसरी शादी रचाई थी। कुछ वर्ष पूर्व पति पत्नी के बीच अनबन भी हुई और पत्नी ने प्रताड़ना का आरोप भी लगाया था जिसे लेकर बात परिवार परामर्श केन्द्र तक पहुंची थी और समझौते के बाद एक फिर से दोनों गांव में ही किराए के कमरे में साथ रहने लगे थे। हालाकि मृतक के बच्चों का कहना था कि सौतेली मां ने उन्हे जहर देकर मारने का प्रयास किया था जिस कारण घर वालों ने उन्हें निकाल दिया था।

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