Site iconSite icon Tezkhabar24.com

सफेद बाघ की तरह अब सुंदरजा आम बनेगा रीवा की नई पहचान, दुनियाभर में फेमस होगा सुंदरजा आम…


राष्ट्रीय फल के रुप में चिंहित रीवा के सुंदरजा आम को विश्वस्तर पर दिलाई जाएगी नई पहचान, सीएम ने दिए निर्देश
तेज खबर 24 रीवा।


रीवा के नाम से विश्वविख्यात सफेद बाघ की तर्ज पर अब रीवा के सुप्रसिद्ध सुंदरजा आम को दुनिया में नई पहचान देने के लिये मध्यप्रदेश सरकार ने विशेष तैयारी शुरु कर दी है।स्वरोजगार योजना की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने एक जिला एक उत्पादन के तहत रीवा के सुंदरजा आम की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित करने के लिये सभी प्रयास करने के निर्देश दिए है।


रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प कलेक्टर ने कहा कि देश के राष्ट्रीय फल के रूप में सुंदरजा आम आम चिन्हित है। रीवा जिले में आमों का राजा सुंदरजा का उत्पादन होता है और अब रीवा जिले की इस विशिष्ट आम प्रजाति को विश्व स्तर पर स्थापित किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और इन कार्यक्रमों में आम उत्पादक किसान, उद्योगपति तथा आमों के संबंध में विशिष्ट जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ शामिल होंगे।


कलेक्टर ने कहा कि सुंदरजा आम की जियो टैगिंग की प्रक्रिया जल्द ही पूरी होने वाली है। जिस तरह सफेद बाघ ने रीवा को नई पहचान दी है उसी तरह सुंदरजा आम भी अब रीवा की नई पहचान बनेगा और जिले में सुंदरजा तथा अन्य आमों का उत्पादन बढ़ने से किसानों की आय में वृद्धि होने के साथ रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे।

कलेक्टर ने कहा कि रीवा ही नहीं पूरे विंन्ध्य क्षेत्र में सदियों से अच्छे आमों के उत्पादन की परंपरा रही है। यहाँ हर गांव में आम का बगीचा होना लगभग अनिवार्य था। यहां आम के व्रतबंध और विवाह की भी परंपरा सदियों से चली आ रही है चूंकि इसके आर्थिक और सामाजिक कारण होने के साथ.साथ धार्मिक कारण भी हैं।


कलेक्टर नें कहा कि इन परंपराओं के जानकारों के माध्यम से हम नई पीढ़ी को विन्ध्य क्षेत्र के आम उत्पादन और सुंदरजा आम से जोड़ने का प्रयास करेंगे। इसके लिए विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। आम के उत्पादन और आम से बने विभिन्न उत्पादों के विपणन के साथ.साथ आम को खास बनाने के प्रयास किए जाएंगे। गौरतलब है कि रीवा में आमों की प्रजाति का राजा कहे जाने वाले सुंदरजा रीवा के बगीचों से निकलकर विदेशों में भी अपनी खुशबू से जाना जाता है और अमेरिका, इंगलैड, पाकिस्तान व अरब जैसे देशों तक पहुंचाया जाता है।

Exit mobile version