युवक के लापता होने के 4 माह बाद दुधमनिया जंगल में मिला था नरकंकाल, कपड़ों से हुई थी मृतक की पहचान, जानिए कैसे खुला हत्या का राज…
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा एसपी ने एक वर्ष पूर्व हुये अंधे कत्ल का बेहद ही सनसनीखेज खुलाशा किया है। इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिय किसी चुनौती से कम नहीं था चूंकि इस कत्ल को सुलझाने के लिये पुलिस के पास ऐसी कोई लीड नहीं थी जिसकी मदद से कातिलों तक पहुंचा जा सके लेकिन पुलिस ने बड़े ही सहज और सरल तरीके से असंभव को भी संभव कर दिखाया और युवक के कातिलों को बेनकाब कर दिया।
पुलिस के इस खुलाशे में हत्या करने वाले कोई और नहीं बल्कि पड़ोस के गांव का ही एक युवक था जिसने अपने जीजा के साथ मिलकर युवक की हत्या की और लाश को जंगल में ठिकाने लगा दिया। पुलिस के मुताबिक हत्या की वजह मृतक द्वारा आरोपी की बहन के साथ छेड़खानी थी जिसके चलते आरोपियों ने कत्ल जैसी संगीन वारदात को अंजाम दिया था। दरअसल इस हत्याकांड का खुलाशा मंगलवार को रीवा एसपी नवनीत भसीन ने किया है जिसमें मऊगंज एसडीओपी नवीन दुबे सहित थाना प्रभारी की सराहनीय भूमिका रही और एसपी ने हत्याकांण्ड का खुलाशा करने वाली टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा भी की है।
जानिए क्या है मामला…
एसपी के मुताबिक मऊगंज के ग्राम छुहिया निवासी इन्द्रलाल गिरी ने अपने पुत्र विकाश गिरी उम्र 21 वर्ष के गुम हो जाने की शिकायत 5 अक्टूबर 2021 में दर्ज कराई थी। पुलिस ने गुम इंसान कायम कर मामले को जांच में लिया और तलाश कर रही थी तभी शिकायत के ठीक 4 महीने बाद 5 फरवरी 2022 को फरियादी इन्द्रलाल नें ही पुलिस को सूचना दी कि दुधमनिया के जंगल में एक मानव कंकाल पड़ा हुआ है जिसके पास मिले पैंट, पर्स व आधार कार्ड मेरे लापता पुत्र विकाश गिरी के ही है। पुलिस ने मौके पर जाकर घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और मर्ग कायम कर विवेचना शुरु कर दी। तकरीबन 1 साल तक पुलिस की जांच चलती रही तभी पुलिस के हाथ कुछ ऐसा लगा कि हत्या की गुत्थी चंद दिनों में सुलझ गई।
1 साल बाद ऐसे खुला हत्या का राज…
साल के अंत में लंबित प्रकरणों के खात्मे के लिये थाने में धूल खा रही मर्ग डायरी को एसडीओपी ने एक बार फिर खोला। पुलिस ने इस मामले की गुत्थी को सुलझाने के लिये अपने मुखबिर तंत्र को दौड़ाया और केस को बेहद ही बारीकी से समझा और परखा तो हत्या करना साफ था लेकिन हत्यारें कौन है यह जानना पुलिस के लिये चुनौती था। पुलिस की जांच के दौरान मुखबिर तंत्र से एक ऐसी लीड मिली कि पुलिस सीधा आरोपी के गिरेहबान तक पहुंच गई। पुलिस को पता चला कि विकाश गिरी की हत्या में दुधमनिया निवासी यूनुस बक्स अंसारी और उसके जीजा सिरताज मोहम्मद निवासी सीतापुर थाना लौर का हाथ है। पुलिस ने इस मामले में यूनुस बक्स को हिरासत में लेकर जब पूंछतांछ की तो सच सामने आ गया जिसने अपने जीजा सिरताज मोहम्मद के साथ मिलकर हत्या करना कबूल किया।
कैसे और क्यूं हुई थी हत्या…
पुलिस ने अपने खुलासे में बताया कि युवक लापता होने के दो दिन पूर्व 3 अक्टूबर 2021 को शाम 6 बजे के करीब आरोपी यूनुस के घर देसी अंडा लेने गया था जो अंडा लेकर वापस चला गया। विकाश के जाने के बाद आरोपी यूनुस अपने जीजा सिरताज के साथ घूमने चला गया जबकि अन्य सदस्य घर में ही थे। राज 8 बजे जब जीजा साले वापस घर आए तो पता चला कि विकाश दोबारा से घर आया था और उसने बड़ी बहन के साथ छेड़खानी की है। परिजनों के इतना बताने पर जीजा डंडा लेकर घर निकला जिसने रास्ते में मिले विकाश की पीट पीटकर हत्या कर दी। जीजा के पीछे पीछे गए साले ने विकाश की मौत के बाद उसकी लाश को जंगल में ले जाकर ठिकाने लगा दिया।
साला गिरफ्तार जीजा फरार
पुलिस ने इस हत्याकांड में यूनुस बक्स अंसारी पिता अब्दुल मजीद अंसारी उम्र 31 वर्ष निवासी दुधमनिया थाना मऊगंज को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दूसरा आरोपी सिरताज मोहम्मद निवासी सीतापुर थाना लौर फरार बताया है। मामले में पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध हत्या की धारा 302 का अपराध दर्ज किया है और फरार आरोपी की तलाश की जा रही है।
पुलिस टीम होगी पुरस्कृत
अंधी हत्या का खुलाशा करने में थाना प्रभारी श्वेता मौर्या, उपनिरीक्षक एलबी सिंह, सहायक उपनिरीक्षक नारेन्द्र मिश्रा, प्रधान आरक्षक राजेन्द्र सिंह, आरक्षक जीवन मोबिया, चन्द्रभान सिंह, पवन मेड़ा, अवनीश पाण्डेय, वीरेन्द्र शुक्ला, आरक्षक धर्मराज प्रजापति, आशुतोष मिश्रा की सराहनीय भूमिका रही है जिन्हें एसपी ने पुरष्कृत करने की घोषणा की है।