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रीवा का महाघोटाला : 11 खातों में 1100 बार में 210 करोड़ का लेन देन, जानिए कैसे खुला राज…

रीवा का महाघोटाला : 11 खातों में 1100 बार में 210 करोड़ का लेन देन, जानिए कैसे खुला राज…
8 हजार की सैलरी पाने वाले खाते से हुआ 60 करोड़ का लेन देन…
सीआईडी ने जांच कर सरकार को भेजी रिपोर्ट, अब ईओडब्ल्यू करेगी जांच…
तेज खबर 24 रीवा।
मध्यप्रदेश के रीवा में सहकारी बैंक घोटाले की जांच में महाघोटाला निकलकर सामने आया है। यहां महज 16 करोड के घोटाले से शुरु हुई जांच अब तक 210 करोड़ तक पहुंच गई है। जिसमें फेक आईडी के 11 खातों से 1100 बार में 210 करोड़ रुपए से अधिक के लेन देन का खुलाशा हुआ है।
सीआईडी ने रीवा के डभौरा सहकारी बैंक हुये घोटाले की जांच के बाद रिपोर्ट सरकार को भेज दी है जिसके बाद अब आंगे की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई है।

दरअसल रीवा में बड़े पैमाने पर कालेधन को सफेद करने का बड़ा खेल चल रहा है और यह काम फेक आईडी से खोले गए खातों से किया जा रहा है। यह खुलाशा डभौरा सहकारी बैंक घोटाले की जांच कर रहे सीआईडी विभाग ने किया जिसमें सामने आया है कि रीवा के कारेबारियों ने दिल्ली मुम्बई जैसे महानगरों में 11 खातों से 11 सौ बार में 210 करोड़ का भुगतान किया है। फिलहाल सीआईडी विभाग ने मामले की जांच कर रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है।

जानिए कैसे खुला 210 करोड़ का राज…
आपको बता दें कि सीआईडी को जांच के दौरान आईसीआईसीआई बैंक में ओम इंटर प्राइजेज नाम का खाता मिला, जिसमें प्रमोद कुमार तिवारी नाम के शख्स का पैनकार्ड लगा था, जिसकी मदद से सीआईडी गांव पहुंची जहां इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला। सीआईडी टीम ने फोटो जरिए पता किया तो प्रमोद नाम का शख्स सतना के अमरपाटन कलकलपुर का निकला। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसे खाते की कोई जानकारी नहीं है, वह परिवार चलाने के लिये एक अगरबत्ती कंपनी में 8 हजार की नौकरी करता है। सीआईडी द्वारा प्रमोद के खाते को खंगाला गया तो सामने आया कि प्रमोद की फर्जी आईडी से खाता खोला गया है और खाते में बैंक घोटाले के सहअभियुक्तों द्वारा 40 लाख ट्रांसफर किये थे लेकिन ट्रांजेक्सन फेल हो गया जिसके बाद आंगे की जांच में खाते से 60 करोड़ का लेन देन की बात सामने आई है।

अब तक मिले फेक आईडी के 11 खाते…
सीआईडी को अब तक की जांच में फेक आईडी से खोले गए 11 खाते मिले है जो एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक में खोले गए थे। इन 11 खातों में अब तक 1100 बार में 210 करोड़ का लेनदेन किया गया है।

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