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रीवा की स्केच आर्टिस्ट ने बनाया गया एशिया का सबसे बड़ा मेडिसिनल पोट्रेट, वर्ल्ड रिकार्ड में हो सकता है शामिल…

6 हिजार सेनेट्री नेपकीन व 10 हजार कैल्सियम और 20 हजार आयनर व विटमिन की टेबलेट से तैयार किया 50 बाई 80 का मेडिसिनल पोट्रेट
2 सहयोगियों की मदद से 2 दिन में तैयार किया मेडिसिनल पोट्रेट, छात्राओं को जागरुक करने के उद्देश्य से कन्या महाविद्यालय में तैयार किया गया मेडिसिनल पोट्रेट
तेज खबर 24 रीवा।

रीवा शहर के शासकीय कन्या महाविद्यालय में बने नवीन ऑडिटोरियम में स्केच आर्टिस्ट विभूति मिश्रा द्वारा 50 बाई 80 फुट का मेडिसिनल पोट्रेट तैयार किया गया है। इसे बनाने के लिये आर्टिस्ट व उनके दो सहयोगियों को 2 दिन का समय लगा है। इसके पूरे निर्माण में सेनेटरी नैपकिन, कैल्शियम, आयरन व विटामिन की टेबलेट का उपयोग किया गया है।


खास बात यह है कि छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन की उपयोगिता के साथ.साथ खून की कमी जैसे गंभीर विषय पर जागृत करना जहां इसका मुख्य उद्देश्य था। वहीं इस पोट्रेट में प्रयोग की गई सारी दवाइयां वह नैपकिन उन छात्राओं को वितरित की जाएगी जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है। इसके अलावा उन्हें जागरूक भी किया जाएगा कि अब जमाना बदल रहा है आप भी इससे समाज और इसके उपयोग में आगे आइए।


बताया गया कि सेनेटरी नैपकिन कैल्शियम विटामिन मिनरल्स के साथ तैयार किया गया या पोट्रेट ना केवल भारत बल्कि एशिया में सबसे बड़ा माना जा रहा है। इस कार्य में स्केच आर्टिस्ट विभूति मिश्रा के अलावा नीरज कुमार व विकास वर्मा ने भी सहयोग किया है।


इस पूरे कार्यक्रम को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भेजा जा रहा है जिसके बाद इस पोट्रेट को देश का सबसे बड़ा पोट्रेट का दर्जा मिलेगा साथ ही विभूति मिश्रा ने यह भी बताया कि इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल होने के साथ.साथ ये अब तक की विशेषकर मेडिसिनल पोट्रेट है जो एशिया में सबसे बड़ी है


इस पोट्रेट को बनाने में लगभग 6000 सेनेटरी नैपकिन 10 हजार आयरन व 20 हजार कैल्शियम व मल्टीविटामिन गोलियों के स्क्रिप्ट लगाए गए हैं जिन्हें जल्द ही शहर के कलेक्टर मनोज पुष्प के निर्देशन में बच्चियों में बांटा जाएगा
इस पोट्रेट को देखने के लिए डी पॉल स्कूल, महाराजा पब्लिक स्कूल की छात्राएं पहुंची हैं इसके अलावा जीडीसी की बच्चियों ने भी यहां पहुंच कर उसे देखा और समझा है।

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