तत्कालीन तहसीलदार व कानूनगो सहित इन 20 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई FIR, मुआवजा पाने करायी थी हेराफेरी
तेजखबर 24 रीवा।
राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की रीवा इकाई (EOW) ने सिंगरौली जिले के देवसर तहसील के तत्कालीन तहसीलदार और कानूनगो के साथ 20 लोगों के विरुद्ध f.i.r. रजिस्टर्ड की गयी है। इन सभी पर सरकारी दस्तावेजों में कूट रचना करते हुए सरकारी जमीनों को अपने करीबियों के नाम पर किए जाने का आरोप है।
सिंगरौली के देवसर तहसील के ग्राम कर्री में वर्ष 2008 में 2010 के बीच उपेंद्र सिंह तत्कालीन तहसीलदार देवसर, मुनींद्र मिश्रा तत्कालीन अभिलेखागार प्रभारी एवं सूर्यभान सिंह तत्कालीन हल्का पटवारी कर्री द्वारा आपराधिक षड्यंत्र रचकर गांव के 16 खसरो को काट पीट कर एवं सफेदा लगाकर मध्यप्रदेश शासन की 93.14 हेक्टेयर भूमि को निजी भूमि बना दिया। उपेंद्र सिंह तत्कालीन तहसीलदार के भाई राजेंद्र सिंह एवं तहसीलदार देवसर के तत्कालीन अभिलेखागार प्रभारी मनीष मिश्रा के भाई प्रमोद कुमार मिश्रा एवं अन्य कृषकों के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज कर दी गई थी। इस दौरान नायब तहसीलदार द्वारा न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध कर उपरोक्त सभी भूमियों को मध्यप्रदेश शासन घोषित कर दिया गया था। इस संबंध में कृषकों द्वारा एसडीएम न्यायालय में अपील प्रस्तुत की गई जिस पर एसडीएम द्वारा हितग्राहियों की अपील निरस्त कर दी गई बाद में यह मामला विभागीय अधिकारियों के संज्ञान में आया तो इसकी जांच कराई गई।
ईओडब्ल्यू एसपी वीरेंद्र जैन ने बताया कि सरकारी भूमि के दस्तावेजों में काट छांट कर निजी व्यक्तियों के नाम किए जाने का मामला सिंगरौली जिले से आया था जिस पर तत्कालीन तहसीलदार सहित अन्य के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज की गई है और अलग-अलग गांवों से कई मामलों की जांच अभी चल रही है।
मुआवजे की लालच में कराई गई हेराफेरी
सिंगरौली जिले में प्राइवेट व्यवसायिक कंपनियों के स्थापित होने से वहां की भूमियों का बड़ी राशि का मुआवजा प्राप्त करने के लिए इस कूट रचना में कई अधिकारी शामिल रहे हैं। बताया गया कि कंपनियों की स्थापना की खबर पाते ही उसी क्षेत्र में भूमि की खरीदी बिक्री तेज हो गई थी। इसी दौरान तत्कालीन अधिकारियों ने लोगों से पैसे लेकर सरकारी भूमि को निजी पट्टे की बनाने का लंबा खेल खेला। इस संबंध में करीब आधा दर्जन से अधिक संख्या में शिकायतें अभी जांच में है जिस पर जल्द ही कई FIR और भी दर्ज होंगी।
इनके विरुद्ध दर्ज हुई FIR
EOW में 28 दिसंबर को जिन पर एफआईआर दर्ज की गई है उनमें प्रमुख रूप से उपेंद्र सिंह तत्कालीन तहसीलदार देवसर, मनीष मिश्रा ऑफिस कानूनगो एवं अभिलेखागार प्रभारी, सूर्यभान सिंह तत्कालीन पटवारी, प्रमोद कुमार, राजेंद्र सिंह, लखनलाल, नंदलाल, सावित्री, प्रेमिया पुत्री अयोध्या प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद, उमाकांत, कृपाकांत, ऋषिकांत, मुलायम सिंह, भगवान दास, शैल देवी, रामनाथ सिंह गोड़, मोहन सिंह, अन्नू देवी सहित अन्य संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध 420 467 468 120b भादवी एवं 7(सी) 13 (1) 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया गया है।