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नवजातों को इलाज देने में REWA – SATNA टाॅप 10 पर : सीधी और सिंगरौली में हालत खराब

एसएनसीयू में भर्ती होने वाले बच्चों के इलाज को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने जारी की रैकिंग रिपोर्ट
तेज खबर 24 रीवा सतना।
नवजात बच्चों के उपचार प्रबंधन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से जारी की गई रैकिंग रिपोर्ट में विंध्य क्षेत्र के दो जिले सतना और रीवा ने टाॅप टेन में जगह बनाई है। प्रदेश के टाॅप टेन जिलों की सूची में सतना ने 3 स्थान प्राप्त किया है तो रीवा को 6 स्थान मिला है जबकि विंध्य के सीधी और सिंगरौली जिले की हालत बेहद ही खराब है।


दरअसल जिला अस्पतालों के सिक न्यूबाॅर्न केयर यूनिट एसएनसीयू में भर्ती होने वाले बच्चों के इलाज, फाॅलोअप को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने रैंकिंग रिपोर्ट जारी की है। जिला अस्पताल सतना का एसएनसीयू नवजातों के उपचार प्रबंधन में प्रदेश में तीसरे स्थान पर है तो वहीं रीवा 6वें स्थान पर है जबकि सीहोर का एसएनसीयू पहले स्थान और इंदौर का दूसरे स्थान पर है।


जारी रैंकिंग रिपोर्ट के मुताबिक एसएनसीयू में भर्ती होने वाले नवजातों के इलाजए फॉलोअप को लेकर विंध्य के सिंगरौलीए सीधी की स्थिति अच्छी नहीं है। सिंगरौली 34वें तो सीधी 41वें स्थान पर है। बताया गया कि अस्पताल में डिलेवरी के बाद एसएनसीयू में भर्ती होने वाले नवजात 20 फीसदी से ज्यादा नहीं होने चाहिए। यदि 20 फीसदी से ज्यादा नवजात एसएनसीयू में भर्ती हो रहे है तो प्रसव प्रबंधन सही से नहीं माना जाता है जिसकी वजह से ज्यादा नवजातों कों एसएनसीयू में भर्ती करना पड़ता है।
इसके अलावा एसएनसीयू से डिस्चार्ज होने के बाद सालभर तक बच्चों का एसएनसीयू में फाॅलोअप लिया जाता है। यह रैकिंग एसएनसीयू में इनबॉर्न एडमिशनए ट्रीटमेंट आउटकमए फैसिलिटी फॉलोअप इन तीन प्वॉइंट्स पर की गई है।


ये है टाॅप टेन जिले
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से जारी की गई रैगिंग रिपोर्ट के मुताबिक पहले स्थान पर सहोर, दूसरे पर इन्दौर, 3 सतना, 4 जबलपुर, 5 भोपाल, 6 रीवा, 7 श्योपुर, 8 रतलाम, 9 शाजापुर और 10वें स्थान पर मुरैना जिला शामिल है।

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