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REWA SHAHDOL संभाग के 31 कर्मचारी नहीं पास कर पाए विभागीय पात्रता परीक्षा, फिर भी 10 सालों से ले रहे प्रमोशन का लाभ…

10 वर्ष पूर्व अपात्र कर्मचारियों का प्रमोशन समाप्त कर मूल पद पर लौटाने का जारी हुआ आदेश बेअसर
तेज खबर 24 रीवा।


रीवा और शहडोल संभाग के 31 कर्मचारी विभागीय पात्रता परीक्षा पास किये बिना ही 10 वर्षो से प्रमोशन का लाभ ले रहे है। हालाकि इन अपात्र कर्मचारियों का प्रमोशन समाप्त कर उनके मूल पद पर पदस्थ करने का आदेश 10 वर्ष पूर्व ही जारी हो चुका है लेकिन उक्त आदेश बेअसर दिखाई पड़ रहा है।

दरअसल मामला दोनों संभागों के स्वास्थ्य विभाग का है जिसमें कर्मचारियों को पदोन्नति देते हुए उन्हें विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर पात्रता हासिल करने के लिए कहा गया था। यह पदोन्नति इसी शर्त पर थी कि पदोन्नति प्राप्त करने के दो वर्ष के भीतर लेखा प्रशिक्षण परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। कर्मचारियों ने यह परीक्षा निर्धारित अवधि में उत्तीर्ण नहीं की, इसलिए उनकी पदोन्नति स्वयं निरस्त होनी थी। विभागीय उदासीनता की वजह से दस वर्ष बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। इसका लाभ संबंधित कर्मचारी लगातार उठा रहे हैं। इसको लेकर अब एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। कुछ शिकायतें भी विभाग के अधिकारियों के पास तक पहुंची हैं, जिसमें कहा गया है कि नियम विरुद्ध पदोन्नति का लाभ ले रहे कर्मचारियों को उनके मूल पद पर भेजा जाए और पूर्व में लिए गए अतिरिक्त वेतन की वसूली भी कराई जाए।

जानिए क्या है पूरा मामला…
मामला वर्ष 2012 का है जब रीवा और शहडोल संभाग के 31 कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई थी। जिसमें सहायक ग्रेड.2, संगणक, स्टीवर्ड, कैशियर से लेखापाल के पद पर पदोन्नत किया गया था। विभाग ने कर्मचारियों को दिए गए आदेश में यह स्पष्ट किया था कि पदोन्नति मिलने के दो वर्ष के भीतर उन्हें लेखा प्रशिक्षण परीक्षा उत्तीर्ण करना होगा। इसका सर्टिफिकेट देने पर ही आगे लाभ मिलेगा अन्यथा रिवर्ट कर दिया जाएगा। संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही थी कि वह परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करने वाले कर्मचारियों को उनके मूल पद पर भेजेंगे लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जिसके चलते करीब 11 वर्षों से पदोन्नति का लाभ संबंधित कर्मचारी उठा रहे हैं। निर्धारित अवधि में किसी भी कर्मचारी ने परीक्षा उत्तीर्ण होने का सर्टिफिकेट विभाग को नहीं दिया था। शर्त में कहा गया था कि दो वर्ष के भीतर ही यह पात्रता हासिल करना होगा।

जवाब ना मिलने से ठंडे बस्ते में चला गया मामला
कुछ वर्ष पहले मामले में स्वास्थ्य संचालनालय ने संयुक्त संचालक कार्यालय को पत्र लिखकर पूरे मामले में जानकारी मांगी थी। इस पर तत्कालीन अधिकारियों ने निर्धारित अवधि में कोई जवाब नहीं दिया, इसके बाद विभाग ने भी रिमाइंडर नहीं भेजा। जिसके कारण अब तक मामला ठंडे बस्ते में चला गया और कर्मचारियों को लाभ मिल रहा है। शहडोल संभाग के एक कर्मचारी को नोटिस दी गई थी कि पात्रता नहीं होने के कारण रिवर्ट किया जाएगा। स्वास्थय विभाग के संयुक्त संचालक डाॅक्टर एमएल गुप्ता का कहना है कि यह मामला काफी पुराना है। पूर्व में कुछ कर्मचारियों को रिवर्ट करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। जिस पर वह कोर्ट चले गए थे। इस कारण पूरी प्रक्रिया रुकी हुई है। कोर्ट के आदेश का अध्ययन कराएंगे और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।

इन कर्मचारियों को दिया गया था प्रमोशन
2012 में जिन कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई थीए उसमें प्रमुख रूप से विवेक सिंह सिंगरौली, यूबी पटेल सीधी, आरएन शुक्ला सिहावल, एसएन पाठक शहडोल, संतोष तिवारी रीवा, मनमोहनलाल वर्मा रामपुर बघेलान, एसके त्रिपाठी सतना, अशोक गुप्ता सिंगरौली, एसएल शुक्ला रीवा, टीपी तिवारी रीवा, अवधेश त्रिपाठी सतना, आरपी विश्वकर्मा रीवा, एनके द्विवेदी रीवा, कैलाश गुप्ता सतना, सलमा खान शहडोल, राजश्री श्रीवास्तव सतना, आरके अग्निहोत्री शहडोल, डीपी वर्मा अनूपपुर, सीताराम मिश्रा रीवा, एसपी वर्मा शहडोल, शारदा त्रिपाठी रीवा, विनोदिनी श्रीवास्तव सिंगरौली, गंगा शरण तिवारी उमरिया, सतीश मिश्रा सीधी, लालमणि कहार सेमरिया, राकेश श्रीवास्तव पाली उमरिया शामिल थे। इसमें दर्जनभर संख्या में कर्मचारी अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। अन्य अभी भी पदोन्नति वाले पदों पर सेवाएं दे रहे हैं।

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