Site iconSite icon Tezkhabar24.com

CM के सामने 1 साल के मासूम को पिता ने फेंका मंच की ओर, जानिए क्या है पूरा मामला…

सागर में आयोजित कुशवाहा समाज के सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे सीएम, भीड़ में खड़े शख्स ने मंच की तरफ फेंक दिया अपना मासूम बच्चा…
तेज खबर 24 सागर ।
मध्य प्रदेश के सागर जिले में आयोजित सीएम के कार्यक्रम के दौरान उस वक्त हड़कंप मच गया जब मंच में मौजूद सीएम के सामने एक शख्स ने अपने 1 साल के मासूम बच्चे को मंच की ओर फेंक दिया। हालांकि मंच पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने रोते बिलखते मासूम को देखते ही उसे गोद में उठाकर सामने खड़ी मां को सौंप दिया। इस पूरे घटनाक्रम को सीएम ने अपनी आंखों से देखा जिसके बाद मौजूद अधिकारियों से पीड़ित दंपति की पीड़ा सुनने के निर्देश दिए।

पीड़ित दंपति ने अधिकारियों के माध्यम से सीएम को बताया कि उनके बच्चे के दिल में छेद है जिसका उपचार कराने के लिए वह आर्थिक मदद के लिए भटक रहे हैं। उन्होंने जब सीएम से मिलने का प्रयास किया तो सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया जिससे नाराज होकर उन्होंने बच्चे को मंच की ओर फेंक दिया। फिलहाल सीएम ने पीड़ित बच्चे के माता-पिता को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

दरअसल यह घटना रविवार को सागर में सीएम की मौजूदगी में आयोजित कुशवाहा समाज के सम्मेलन के दौरान हुई। जानकारी के मुताबिक पीड़ित मुकेश पटेल सागर की केसली तहसील के सहजपुर गांव का रहने वाला है। वह अपनी पत्नी और 1 साल के मासूम बच्चे के साथ रविवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से मदद मांगने पहुंचा था। पीड़ित ने मौजूद मीडियाकर्मियों को बताया कि जब उसने सीएम के पास जाने की कोशिश की तो उसे नहीं जाने दिया गया जिसके चलते वह अपनी फरियाद सुनाने के लिए अपने ही मासूम बच्चे को मंच के सामने लगे बैरिकेट्स के भीतर भेज दिया उस समय सीएम शिवराज सिंह मंच पर मौजूद थे। जैसे ही उन्होंने यह घटना देखी तत्काल अधिकारियों को पीड़ित दंपति की बात सुनने के निर्देश दे दिए।

मीडिया से बातचीत के दौरान पीड़ित ने बताया कि उसके बेटे के दिल में छेद है। जब वह 3 महीने का था तब इस बात की जानकारी हुई थी और अब उसका बेटा 1 साल का हो गया है। उसके इलाज में अब तक तकरीबन 4 लाख खर्च हो चुके हैं और अब डॉक्टर ने ऑपरेशन करने की सलाह दी है। जिसमें 3.50 लाख का खर्च आएगा और इतनी बड़ी रकम जुटाने में वह असमर्थ है। पीड़ित की मांग है कि उसे शासन और प्रशासन की ओर से आर्थिक मदद दी जाए जिससे वह अपने बेटे की जान बचा सके।

Exit mobile version