रिपोर्ट, वीरेश सिंह
तेज खबर 24 उज्जैन।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर के शीर्ष स्थल पर स्थापित भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर रविवार की आधी रात यानी की 12 बजे खुलेगा और यह मंदिर भक्तों की पूजा अर्चना करने के लिए 24 घंटे के लिए खोला जा रहा है। जिससे भक्तभगवान नाग चंदेश्वर का दर्शन लाभ लेने के साथ ही पूजा अर्चना कर सकेंगे। ज्ञात हो की भगवान नाग चंदेश्वर का यह मंदिर वर्ष में एक बार नाग पंचमी पर्व के दिन 24 घंटे के लिए खोला जाता है।
शेषनाग पर विराजमान है शिव परिवार
भगवान नाग चंदेश्वर मंदिर में शेषनाग की अद्भुत प्रतिमा है जिसमें भगवान शिव अपने परिवार के साथ विराजमान हैं। भगवान नाग देवता अपने सात फन पर हैं उन पर शिव पार्वती की मनमोहक प्रतिमा होने के साथ ही भगवान गणेश और कार्तिक के अलावा भगवान शिव के दोनों वाहन नंदी स्थापित है। जानकारी के तहत या अद्भुत प्रतिमा 11वीं शताब्दी की बताई जा रही जिसे अद्भुत कला देने के साथ ही भव्य प्रतिमा बनाई गई। इस मंदिर का अद्भुत महत्व है और वर्ष में नाग पंचमी पर एक बार यह मंदिर भक्तों के लिए खोला जाता है यही वजह है कि भक्तों की भारी भीड़ न सिर्फ पहुंचती है और देश भर से लोग भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं
प्रशासन की मौजूदगी में होगी पूजा
भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा अर्चना रविवार की रात 12 बजे की जाएगी इस दौरान उज्जैन कलेक्टर एवं महाकाल मंदिर के पुजारियों के साथ ही महंत भी मौजूद रहेंगे। इस पूजा अर्चना के बाद ही मंदिर में भक्तों को प्रवेश मिलना शुरू हो जाएगा और पूजा अर्चना नागपंचमी पर्व पर सोमवार की रात 12 बजे तक जारी रहेगा। इसके बाद 1 वर्ष के लिए मंदिर बंद कर दिया जाएगा।
भक्तों के लिए लगाई गई 50 बसें
भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा अर्चना करने के लिए भक्तों की बड़ी संख्या को देखते हुए उज्जैन प्रशासन ने शहर से बाहर पार्किंग की व्यवस्था बनाई है तो वही उनकी सुविधा के लिए पार्किंग स्थल से मंदिर परिक्षेत्र तक पहुंचाने के लिए निशुल्क 50 बस लगाए गई हैं। इतना ही नहीं भक्तों की सुविधा के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है। पूरा क्षेत्र सीसीटीवी कैमरे से लैस होने के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ाई गई है जिससे किसी भी तरह की समस्या ना हो सके। वही सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी निकलने एवं भगवान नाथ चंदेश्वर की पूजा अर्चना को देखते हुए प्रशासन ने शहर भर में यातायात व्यवस्था में काफी बदलाव किए हैं जिससे आवागमन सुचारू रूप से संचालित हो सके।