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MP में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा पर पथराव, वाहनों के फूटे कांच, प्रदेश अध्यक्ष वीडी नें कांग्रेस पर लगाया आरोप…

तेज खबर 24 एमपी।
मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा द्वारा निकाली जा रही जन आशीर्वाद यात्रा में आज पथराव किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। घटना मध्य प्रदेश के नीमच जिले में मंगलवार की रात तकरीबन 8 बजे हुई है। यहां पहले यात्रा को सड़क पर पत्थर रखकर रोकने की कोशिश की गई और जब यात्रा आगें बढ़ने लगी तो पथराव कर दिया। घटना के दौरान यात्रा में शामिल कई वाहनों के कांच क्षतिग्रस्त हो गए हैं तो वहीं मौके पर अफरा तफरी का माहौल निर्मित रहा। भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान हुए पथराव की घटना में प्रदेश अध्यक्ष वीडियो शर्मा नें कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगाया है। वहीं यात्रा में शामिल कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ के जयकारे लगाते हुए पत्थर बाजी करने की बात कही है।

दरअसल यह पूरी घटना नीमच जिला मुख्यालय से 60 से 70 किलोमीटर दूर स्थित रामपुरा क्षेत्र के रावली कुड़ी गांव में हुई है। बताया गया की रात तकरीबन 8:00 बजे जब जन आशीर्वाद यात्रा गांव से गुजर रही थी तभी रास्ते में पेड़ो के पीछे छिपे कुछ लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिस दौरान यात्रा में शामिल लोगों के बीच भगदड़ मच गई तो वहीं पत्थर लगने से यात्रा में शामिल कई वाहनों के कांच क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हालांकि इस पूरी घटना के दौरान यात्रा की सुरक्षा में तैनात पुलिस ने पत्थरबाजो को खदेरते हुए स्थिति पर काबू पा लिया।

यात्रा में ये रहे शामिल…
जानकारी के मुताबिक जिस वक्त जन आशीर्वाद यात्रा में पत्थरबाजी की घटना हुई उस वक्त यात्रा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, बंशीलाल गुर्जर और मानसा विधायक माधव मारू यात्रा में शामिल थे। हालांकि पत्थरबाजी की इस घटना में किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है। लेकिन जिन वाहनों में नेता सवार थे उन वाहनों के कांच जरूर क्षतिग्रस्त हुए हैं।

इस बात को लेकर ग्रामीणों में था आक्रोश…
भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा में हुई पत्थरबाजी की घटना के पीछे का मुख्य कारण स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में चीता प्रोजेक्ट को लेकर ग्रामीणों का विरोध है। लेकिन वन विभाग इस प्रोजेक्ट के चलते क्षेत्र में फेसिंग कर रहा है। और इस फेसिंग की वजह से ग्रामीणों के मवेशियों को आने जाने से रोक दिया गया। जिसको लेकर ग्रामीणों के द्वारा वन विभाग से इसकी शिकायत भी की गई थी। माना जा रहा है कि ग्रामीणों के इसी आक्रोश के चलते पत्थर बाजी की यह घटना हुई है।

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