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शिक्षक की पिटाई से कोमा में छात्र : क्लास में छात्र का अभिवादन में खड़ा ना होना टीचर को इस कदर गुजरा नागवार की छात्र करने लगा जिंदगी और मौत से संघर्ष

रीवा में निजी स्कूल का मामला, सिर में चोंट लगने से बिगड़ी छात्र की हालत, रीवा से जबलपुर और जबलपुर से नागपुर रेफर…
तेज खबर 24 रीवा।
मध्यप्रदेश के रीवा शहर में संचालित एक निजी विद्यालय में शिक्षक की पिटाई से छात्र की हालत इस कदर बिगड़ चुकी है कि उसकी जान पर बन आई है। पहले तो छात्र को बुखार आने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन जब जांच हुई तो उसके सिर के अंदरुनी हिस्से में गंभीर चोंट होना पाया गया। बच्चे का उपचार रीवा में कराने के बाद पहले तो परिजन उसे लेकर जबलपुर गए लेकिन जब वहां भी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उसे नागपुर में भर्ती कराया, जहां बच्चे की हालत दिन ब दिन बिगड़ती ही जा रही है। इधर मामले में छात्र के परिजनों द्वारा की गई शिकायत पर पुलिस पर शिक्षक के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया है। दरअसल मामला शहर के ही जनार्दन काॅलोनी में स्थित भास्कर विद्यालय का है जहां 12 वर्षीय छात्र पढ़ता है। आरोप है कि उसके साथ 28 अगस्त को म्यूजिक टीचर ऋषभ पाण्डेय नें मारपीट की थी।

इस बात पर शिक्षक नें छात्र को पीटा
घटना दिनांक को जब बच्चा क्लास में ही बैठा हुआ था तभी टीचर क्लास में आए तो बच्चा खड़ा नहीं हो पाया। यह बात शिक्षक को इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने बच्चे की पिटाई कर दी। शिक्षक हाथ में रुद्राक्ष पहने हुए थे जिससे बच्चे की दिमाग के अंदरूनी भाग में चोट आई। जब बच्चा घर पहुंचा तो मां ने पूछा, इस पर बच्चे ने शिक्षक द्वारा मारपीट करना बताया। पहले तो दर्द की दवा देने पर बच्चे को आराम मिल गया लेकिन 4 सितंबर को उसे तेज बुखार आयाए जिस पर परिजन चिकित्सक के पास पहुंचे। आराम नहीं मिलने पर परिजनों ने उसे संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया। जांच के बाद दिमाग के अंदरूनी भाग में रुद्राक्ष की वजह से गंभीर चोट आने की जानकारी सामने आई। परिजनों ने सोमवार की रात थाने पहुंचकर घटना की शिकायत दर्ज कराई, जिस पर पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ धारा 308 व पाक्सो एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। फिलहाल आरोपी शिक्षक फरार बताया जा रहा है जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।

नागपुर में हुआ ऑपरेशन, हालत अभी भी नाजुक
पीडित छात्र का संजय गांधी अस्पताल में उपचार कराने के बाद हालत में सुधार ना होने की वजह से परिजन उसे जबलपुर ले गए। जबलपुर में चले उपचार के बाद ही हालत में जब सुधार नहीं हुआ तो उसे नागपुर ले जाया गया। परिजनों की मांने तो नागपुर में बच्चे के दिमाग का चिकित्सकों के द्वारा आपरेशन किया गया है लेकिन उसकी हालत अभी भी गभीर बनी हुई है।

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