गांधी जयंती पर आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों के अच्छे आचरण से मिली रिहाई…
तेज खबर 24 रीवा।
केन्द्रीय जेल रीवा से गांधी जयंती के अवसर पर आज हत्या जैसे संगीन अपराध में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 7 बंदियों को रिहाई मिली। अपनी गलतियों से अपने जीवन का अमूल्य समय जेल की चार दीवारी के अंदर गुजारने के बाद खुली हवा में निकलते ही बंदियों की आंखों से आंसू छलक पड़े। उनको लेने के लिए बड़ी संख्या में परिजन भी आए हुए थे जिनसे मिलने की खुशी आंसू के रूप में बाहर आ गई।
दरअसल गांधी जयंती के अवसर पर केन्द्रीय जेल रीवा से 7 बंदियों को रिहाई मिली है। ये बंदी हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। एक निर्धारित समयवधि की सजा पूरी करने के बाद उनकी शेष सजा माफ कर जेल से रिहा किया गया है।
जेल अधीक्षक एसके उपाध्याय ने सभी बंदियों को माला पहनाकर मिठाई दी। उसके बाद उन्होंने जेल की चार दीवारी से बाहर कदम रखा। जेल प्रशासन द्वारा उनकी रिहाई के संबंध में सूचना परिजनों को पूर्व में ही भिजवा दी गई थी जिसके चलते रिहाई से पहले ही परिजन केन्द्रीय जेल पहुंचे हुये थे। जेल के बाहर जैसे ही बंदी अपनों से मिले तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। परिजनों से मिलने की खुशी में वे अपने आंखों से आंसू भी नहीं रोक पाए।
जेल प्रशासन ने सभी बंदियों के पुर्नवास के लिए संबंधित जिलों के कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ को पत्र लिखा है ताकि वे बाहर निकलकर समाज की मुख्य धारा से जुड़ सके और अपने परिवार का भरण पोषण कर सके। इस मौके पर जेल अधीक्षक ने कहा कि आप लोगों ने अपने जीवन का एक लंबा समय जेल की चार दीवारी में गुजार दिया है। आपके हांथों हुए अपराध की सजा अपनों से दूर रहकर बिताई है। यह संकल्प लेकर यहां से जाईए कि अब दुबारा ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे दोबारा यहां आने की नौबत आए।
इनकी हुई रिहाई…
गांधी जयंती पर केन्द्रीय जेल रीवा से जिन बंदियों को रिहाई मिली है उनमें गया प्रसाद निवासी सरई जिला सिंगरौलीए राजकुमार उर्फ राजू पिता गया प्रसाद जायसवाल निवासी सरई जिला सिंगरौली, घनश्याम उर्फ लाला पिता रामकिशोर पाठक 34 वर्ष निवासी रजवा थाना धारकुंडी जिला चित्रकूट उ.प्र., विष्णु प्रसाद पिता देवान प्रसाद 61 वर्ष निवासी दसौती थाना बैढऩ जिला सिंगरौली, रवि पटवा पिता बलजीत 33 वर्ष निवासी कतरवार थाना मझौली जिला सीधी, जगजीवन पिता गंगाराम वैश्य निवासी तियरा थाना बैढऩ, सुरेश प्रसाद पिता गंगू यादव निवासी हर्री जिला शहडोल शामिल हैं।