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ठंड में हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा : रीवा में 1 माह में 1300 हार्ट मरीज पहुंचे अस्पताल, 120 की मौत, रोजाना 2 से 3 मौतें…

विशेषज्ञों नें भी माना कोरोना से ग्रसित मरीजों को हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा, ठंड में खून गाढ़ा होने से भी हार्ट अटैक…
तेज खबर 24 रीवा।

कहते है ठंड का मौसम बेहद ही सुहाना होता है लेकिन यह मौसम सुहाना होने के साथ साथ जानलेवा भी होता है। दरअसल ठंड के मौसम को जानलेवा मौसम हम नहीं बल्कि दिल के मरीजों की संख्या कह रही है, चूंकि ठंड में ना सिर्फ दिल के मरीजों की संख्या बढ़ी है बल्कि सैकड़ो लोगों की दिल की धड़कने भी थम गई है। रीवा की संजय गांधी और सुपर स्पेश्लिटी अस्पताल से मिले आंकड़ो के मुताबिक इस बार ठंड के सीजन में अकेले रीवा में एक माह के भीतर 120 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हुई है। यह चौकाने वाले आंकड़े सिर्फ रीवा की संजय गांधी और सुपर स्पेश्लिटी अस्पताल के ही है।

रीवा की संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेश्लिटी अस्पताल में प्रतिदिन 30 से 35 मरीज हार्ट से जुड़ी समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। 1 दिसम्बर से लेकर अब तक करीब 1300 मरीज दोनों अस्पताल में उपचार के लिए आए थे। इनमें से 120 मरीजों की मौत हो चुकी है। प्रतिदिन दो से तीन मौतें हृदय गति रुकने से दोनों अस्पतालों में हो रही है। कई तो ऐसे केस सामने आए जिनमें सोते समय साइलेंट हार्ट अटैक आया और लोग सुबह बिस्तर पर मृत पड़े मिले। फिलहाल वर्तमान में संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी में हृदय रोग वार्ड मरीजों से फुल है। हालत यह है कि कम गंभीर मरीजों को भर्ती करने तक की यहां जगह नहीं है।

हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना ने सबसे ज्यादा लोगों के फेफड़ों और हार्ट को नुकसान पहुंचाया। जिन लोगों को भी कोरोना हुआ था उनके फेफड़े और हृदय कमजोर हुए। यही कारण है कि अधिकांश लोग इन बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। विशेषज्ञों की मांने तो युवा वर्ग में हार्ट अटैक सबसे ज्यादा कोरोना की वजह से ही आ रहे हैं और काम करते.करते अचानक हार्ट अटैक से मौत हो जाती है। सबसे ज्यादा 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को हार्ट अटैक का खतरा रहता है। इसके अतिरिक्त डायबिटिज, ब्लड प्रेशर के मरीज भी डेंजर जोन में रहते हैं।

रीवा की सुपर स्पेश्लिटी अस्पताल के कार्डियोलाॅजिस्ट डाक्टर एसके त्रिपाठी नें बताया कि ठंड के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है, क्योंकि ठंड में खून गाढ़ा हो जाता है और शरीर में उसका सर्कुलेशन सही ढंग से नहीं हो पता है। हार्ट अटैक के पूर्व पसीना आना, सीने में दर्द होना, घबराहट जैसे कुछ लक्षण आते हैं। यदि किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाने का प्रयास करें। डाक्टर की मानें तो एक घंटे के अंदर यदि मरीज को अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो खून को पतला करने की दवाई देकर उसकी जान बताई जा सकती हैं। ब्लड प्रेशर, शुगर के मरीजों के अलावा एल्कोहल का सेवन करने वाले लोगों में हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा रहती है जिसके लिए घर में बीपी मशीन रखें और नियमित बीपी की जांच करते रहें और किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होने पर तत्काल चिकित्सक की परामर्श ले।

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