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OMG “बाल आश्रम है या यात्ना घर” : बच्चियों को गर्म चिमटों से दागा …उल्टा लटकाकर मिर्च की धूनी दी…दो दो दिनों तक भूखा रखा…

आश्रम की मैनेजर व कर्मचारियों सहित 5 पर केस दर्ज, दूसरी जगह शिफ्ट की गई आश्रम की बच्चियां…
तेज खबर 24 इन्दौर।

मध्यप्रदेश के इन्दौर में बाल आश्रम की बच्चियों नें दी जाने वाली यात्ना की रूह कंपा देने वाली आपबीती सुनाई है। बच्चियों के मुताबिक आश्रम में उन्हें गर्म चिमटे से दागा जाता था …उल्टा लटकाकर लाल मिर्च की धूनी दी जाती थी …कई कई घंटों तक उन्हें बाथरूम में बंद करके रखा जाता …यहां तक की दो दो दिनों तक भूखा रखा जाता था।

दरअसल यह कोई प्रताड़ना की कहानी नहीं बल्कि हकीकत है जिसे खुद इन्दौर के बाल आश्रम में रहने वाली बच्चियों ने आपबीती की तरह सुनाई है। यह मामला उस वक्त प्रकाश में आया जब जिला प्रशासन नें विजय नगर में बिना अनुमति व रजिस्ट्रेशन के संचालित होनें वाले “वात्यल्यपुरम्” बाल आश्रम में कार्यवाही कर सील किया गया। यहां रहने वाली 25 बच्चियों को दूसरे आश्रम में शिफ्ट किया गया है।

दूसरी जगह शिफ्ट की गई इन बच्चियों से जब बाल कल्याण समिति नें पूंछताछ की तो बच्चियों ने प्रताड़ना की जो आपबीती सुनाई उसे सुनकर समिति के लोग भी हैरान रह गए। मामले में आश्रम की बच्चियों द्वारा किये गए खुलासे के बाद अब समिति अध्यक्ष की रिपोर्ट पर विजय नगर पुलिस ने आश्रम की मैनेजर और कर्मचारियों पर बाल संरक्षण अधिनियम व मारपीट का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

विजय नगर पुलिस ने न्याय पीठ बाल कल्याण समिति प्रथम वर्ग की अध्यक्ष पल्लवी पोरवाल की शिकायत पर स्कीम.74 स्थित “वात्सल्यपुरम्” बाल आश्रम की मैनेजर सुजाता, आयुषी, आरती, बबली और सुमन चंदेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

प्रकरण अनुसार, 13 जनवरी को जूनी इंदौर एसडीओ घनश्याम धनगर के नेतृत्व में टीम ने आश्रम की जांच की थी। समिति अध्यक्ष पोरवाल व टीम ने बालिकाओं से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि आश्रम के कर्मचारियों ने निर्ममता से मारपीट की थी। चार साल की बच्ची को कई घंटे बाथरूम में बंद रखा। दो दिन तक खाना नहीं दिया। दो.तीन दिन पुराना बासी खाना व फल देते थे। बच्चों से पैर दबवाते थे। पोरवाल ने शिकायत में बालिकाओं की मानसिक, शारीरिक प्रताड़ना, पॉक्सो, मानव तस्करी पर जांच कर कार्रवाई करने को कहा।

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