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REWA में गायों की कब्रगाह : ग्राम पंचायत की गौशाला के पीछे मिले 50 से अधिक गायों के कंकाल

प्रशासन ने गौशाला की स्थिति को बताया बेहतर, मृत गायों को ग्रामीणों द्वारा बताया फेंकना
तेज खबर 24 रीवा।


मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार भले ही गायों को लेकर चिंचित है लेकिन प्रदेश में गौशालाओं के हालत कुछ ठीक नहीं है। हाल ही में राजधानी भोपाल में भाजपा नेत्री की गौशाला में गायों के कंकाल मिलने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि रीवा में ग्राम पंचायत द्वारा संचालित गौशाला के पीछे 50 से अधिक गायों के कंकाल मिलने का मामला प्रकाश में आया है।
यहां गौशाला के पीछे बने तालाब के किनारे गायों की हड्डियां और कंकाल पडे़ मिले है। मामले में सामाजिक कार्यकर्ता ने गौशाला की 75 गायों की ठंड से मौत का दावा किया है और गौशाला के जिम्मेदारों पर गायों के शव तालाब में फेंकने का आरोप लगाया है। दरअसल कंकालों के मिलने का मामला तब प्रकाश में आया जब गांव में दुर्गंध फैली और जब लोगों ने मौके पर जाकर देखा तो यहां दो दर्जन से अधिक गायों के शव पडे़ थे जो कंकाल में तब्दील हो चुके थे। दावा है कि आनन फानन में जिम्मेदारों ने शवों को गड्ढों में दफना दिया और हड्डियों को बेंच दिया है।

रीवा की चोरगड़ी गौशाला का मामला
रीवा में गायों के कंकाल मिलने का मामला रायपुर कर्चुलियान तहसील के चोरगड़ी गौशाला का है। जानकारी के मुताबिक चोरगड़ी गौशाला का संचालन गांव की पंचायत द्वारा ही किया जाता है। दावा किया जा रहा है कि ठंड से हुई गौशाला की गायों की मौत के बाद जिम्मेदार पीछे बने तालाब में फेंकते रहे और जब बदबू फैली तो गड्ढे खोदकर दफना दिए गए।

प्रशासन ने बताया गौशाला की स्थित को बताया बेहतर
गौशाला के पीछे कंकाल मिलने की खबर के बाद स्थानीय प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लिया है। रायपुर कर्चुलियान जनपद के सीईओ ने बताया कि गौशाला का निरीक्षण किया गया था। उन्होनें बताया कि निरीक्षण के दौरान गौशाला की स्थिति बेहतर है और सभी मवेशियों को भरपूर खाना पानी भी दिया जा रहा है। जनपद सीईओ का कहना है कि निरीक्षण के दौरान पता चला है कि जिन गायों के शव फेंके जाने की बात सामने आई उन्हें अधिकतर ग्रामीणों द्वारा लाकर फेंका गया था

सामाजिक कार्यकर्ता ने 50 से अधिक गायों की मौत का लगाया आरोप
रायपुर कर्चुलियान जनपद की चोरगड़ी गौशाला में सामाजिक कार्यकर्ता ने 50 से अधिक गायों की मौत का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि ग्रामीणों की सूचना पर जब उन्होंने जाकर देखा तो वहां ठंड की वजह से 50 से अधिक गायों की मौत हो चुकी थी जिनके शवों को गौशाला के जिम्मेदारों ने तालाब के किनारे फेंका गया था।

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