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REWA में खाद्यान्न परिवहन में 10 करोड़ का घोटाला : जानिए कैसे हुये घोटाला और किस पर गिरी घोटाले की गाज…

प्रमुख सचिव ने संभागीय बैठक में ही दोषियों को दिख दी थी हरीझण्डी, एक का हुआ तबादला दूसरे को दिखाया बाहर का रास्ता
तेज खबर 24 रीवा।


रीवा में खाद्यान्न परिवहन के नाम पर तकरीबन 10 करोड़ के घांटाले पर आखिकर बड़ा एक्सन लिया गया है। जांच अधिकारियों द्वारा शासन की सौंपी गई जांच रिपोर्ट के बाद मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध संचालक तरुण कुमार पिथोड़ ने रीवा जिला प्रबंधक संजय सिंह को कटनी स्थानांतरित कर दिया है। वहीं पंकज बोरसे सहायक महाप्रबंधक वितरण कक्ष मुख्यालय से जिला प्रबंधक रीवा में पदस्थ किए गए है। इसी तरह एमपीकॉन लिमिटेड द्वारा आउट सोर्स कर्मचारी पूजा शुक्ला को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

जानिए क्या है मामला…
जिले में नागरिक आपूर्ति निगम और विपणन अधिकारियों ने वर्ष 2019 20 और 2020 21 में गेंहू व धान के परिवहन के नाम पर करोड़ों का घोटाला किया था। जिले में नॉन का यह बड़ा घोटाला सामने आने के बाद आरोप था कि रीवा प्रभारी जिला प्रबंधक संजय सिंह ने आउट सोर्स कर्मचारी पूजा शुक्ला के व अन्य के साथ मिलकर कम दूरी का ज्यादा दूरी बताकर परिवहनकर्ताओं को लाभ दिया है। इस मामले की शिकायत अरुण कुमार सिंह ने बतौर शिकायतकर्ता की थी जिनकी शिकायत को ही आधार बनाकर जांच टीम गठित कर घोंटाले की जांच कराई गई।
जांच में ऐसे सामने आया खेल…
मामले की जब जांच टीम ने तहकीकात शुरु की तो सामने आया कि वर्ष 2021 में 16174 किलोमीटर का परिवहन कर गेंहू और धान का उठाव कर कैंप तक पहुंचाया गया है जबकि नॉन के जिम्मेदारों ने 28897 किलोमीटर का भुगतान कर दिया। इस तरह से खाद्यान्न परिवहन के नाम पर 2019 20 और 2020 21 में तकरीबन 10 करोड़ का घोटाला किया गया है। वहीं विभाग के सूत्रों की मांने तो यह खेल इससे भी पुराना है जो 5 सालों से खेला जा रहा था और इसमें कई करोड़ों का घोटाला किया गया।
जांच टीम में ये रहे शामिल
नॉन का बड़ा परिवहन घोटाला सामने आने के बाद अपर कलेक्टर इला तिवारी को जांच समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। इस समिति में सदस्य के रुप में आरडी चौधरी वरिष्ठ कोषालय अधिकारी, अभयराज सिंह सहायक कोषालय अधिकारी, पुष्पराज सिंह सहायक कोषालय अधिकारी, यूपी बागरी उप संचालक कृषि, केके गर्ग कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, कमलभान बागरी जिला प्रबंधक एमपीडब्ल्यूएलसी शामिल थे।

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