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REWA MEDICAL COLLEGE के डीन पद से हटाए गए डॉ. मनोज इंन्दुरकर, अब डॉ. देवेश सारस्वत होंगे नए डीन

कार्य क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर पद के दुरुपयोग करने का आरोप, असंचयी रुप से दो वेतनवृद्धि रोकने का भी आदेश
तेज खबर 24 रीवा।


मध्यप्रदेश शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आज कार्य में लापरवाही पाए जाने और पद का दुरुपयोग करने के मामले में बड़ी कार्यवाही की है। विभाग नें रीवा मेडिकल कालेज के डीन डॉक्टर मनोज इंन्दुरकर को डीन पद से हटा दिया है। प्रदेश सहित रीवा चिकित्सा क्षेत्र में विभाग की इस कार्यवाही से हड़कंप मच गया है। विभाग ने डीन डॉक्टर मनोज इंदुरकर को ना सिर्फ पद से प्रथक कर दिया है बल्कि असंचयी रुप से दो वेतन वृद्धि रोकने का भी आदेश दिया है। विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक अब रीवा मेडिकल कालेज के नए डीन का प्रभार वरिष्ठ प्राध्यापक डॉक्टर देवेश सारस्वत के पास रहेगा जो आगामी आदेश तक मेडिकल कॉलेज के डीन होंगे।
दरअसल डॉ. मनोज इंन्दुरकर पर यह कार्यवाही मध्यप्रदेश शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग के उप सचिव केके दुबे ने की है। विभाग के उप सचिव ने आदेश जारी करते हुये श्यामशाह मेडिकल कालेज रीवा के अधिष्ठाता डॉक्टर मनोज इंदुरकर को अधिष्ठाता पद के प्रभार से मुक्त करते हुये उनकी दो वेतनवृद्धि असंचयी रुप से रोकने का आदेश जारी किया है। इसके अलावा मेडिकल कालेज के अधिष्ठाता पद का प्रभार वरिष्ठ प्राध्यापक डॉक्टर देवेश सारस्वत, डर्मटोलॉजी विभाग को तत्काल प्रभाव से सौंपने को कहा है।

इन आरोपां पर हटाए गए डॉक्टर मनोज इंन्दुरकर
मध्यप्रदेश शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से उप सचिव केके दुबे द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि डॉक्टर मनोज इंन्दुरकर डीन पद के प्रभार पर रहते हुये अपने कार्य क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 का उल्लंघन कर बीके शुक्ला सेवानिवृत्त लेखापाल के विरुद्ध आरोप पत्र आदि जारी किये गए है। उक्त कृत्य के लिये डॉक्टर मनोज इंन्दुरकर को अधिष्ठाता पद के प्रभार से मुक्त किया जाता है।

जानिए क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक डॉक्टर मनोज इंदुरकर मेडिकल कालेज के डीन पद पर रहते हुये मेडिकल कालेज में पदस्थ रहे लेखापाल बीके शुक्ला पर संविदा नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुये विभागीय जांच कराते हुये सेवानिवृत्ति पर उनकी पेंशन बंद करा दी थी। बताया गया कि जिन लेखापाल पर गड़बड़ी का आरोप था वह चयन समिति में शामिल ही नहीं थे ऐसे पर उन पर गड़बड़ी का आरोप लगाकर पेंशन बंद कराना सरासर नियम विद्ध था और इसी मामले में विभाग ने डॉक्टर मनोज इंदुरकर को डीन के पद से हटाते हुये यह बड़़ी कार्यवाही की है।

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