Site iconSite icon Tezkhabar24.com

MP के जेल में सुविधा के नाम पर 3 हजार की रिश्वत लेते प्रहरी पकड़ाया : पति से मुलाकात के नाम पर पत्नी से मांगी रिश्वत

जेल में बंद पटवारी को सुविधा उपलब्ध कराने व पत्नी से मुलाकात के नाम पर 45 सौ हर माह लेता था आरक्षक
तेज खबर 24 नीमच।


मध्यप्रदेश की नीमच जेल में कैदियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने और परिजनों से मुलाकात के नाम पर की जाने वाली अवैध वसूली का बड़ा भंडाफोड़ हुआ है। यह खुलाशा उस वक्त जब उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने जेल में पदस्थ प्रहरी को एक महिला से उसके पति से मुलाकात कराने व सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर 3 हजार हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा।
लोकायुक्त निरीक्षक राजेन्द्र वर्मा के मुताबिक फरियादिया मंगला गुर्जर निवासी नीमच का पति.कमल चौधरी नीमच जेल में बंद है। बताया गया कि फरियादी महिला का पति पटवारी था जिसे 2015 में लोकायुक्त ने ट्रैप किया था और 2021 में विशेष न्यायालय नीमच से 4 वर्ष की सजा हुई है जो वर्तमान में वह नीमच जिला जेल में है।
मंगला गुर्जर अपने सजायाफ़्ता पति से मिलने जब भी जेल जाती है तब आरोपी जेल प्रहरी गिरिराज राजपूत महिला से उसके पति से मिलने व जेल में सुविधा देने के लिए रिश्वत की मांग करता था ।
अवेदिका ने दिनांक 8 मार्च को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जैन को शिकायत की थी कि गिरिराज गुर्जर उसके पति को जेल में अच्छा खाना देने व अन्य सुविधा के लिए प्रति माह 4500 रुपए लेता है। और एक बार मिलने के लिए 300 रुपए रिश्वत की मांग कर रहा है। बताया गया कि 2 मार्च को 1700 रुपए आरक्षक पहले ही ले चुका था।
महिला की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त अनिल विश्वकर्मा के निर्देश पर ट्रैप प्लान बनाया गया। और मंगलवार को दबिश देते हुए लोकायुक्त उज्जैन के निरीक्षक राजेंद्र वर्मा और निरीक्षक राजवीर सिंह यादव आरक्षक संजय पटेलए विशाल रेशमियाए उमेश जाटवए सुनील परसाईए श्याम शर्मा व महेंद्र जाटवा ने आरोपी जेल पुलिस आरक्षक गिरिराज गुर्जर को नीमच जेल परिसर में अवेदिका से 3 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है।
गौरतलब है कि लोकायुक्त की इस कार्यवाही से यह तो साफ जाहिर होता है कि जेल में किस कदर भ्रष्टाचार व्याप्त है। मांना जा रहा है कि जेल में बंद कैदियों के परिजनों से कैदियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने व मुलाकात के नाम व्यापक स्तर पर वसूली की जाती है। बहरहाल लोकायुक्त ने आरोपी जेल प्रहरी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है और मामले को विवेचना में लिया है।

Exit mobile version