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SI के पुत्र को थर्ड डिग्री देने का आरोप : NDPS में जेल गए युवक के परिजनों ने फर्जी मुकदमा सहित कस्टडी में टार्चर का लगाया आरोप

नशीली सीरप की शीशियों के साथ पकड़़ा गया एसआई का पुत्र, पुलिस ने आरोपों को बताया निराधार, चोंट के निशानों को बताया पूर्व में हुये एक्सीडेंट के निशान
तेज खबर 24 रीवा।


रीवा की मऊगंज पुलिस द्वारा एनडीपीएस के मामले में एएसआई के पुत्र को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। एसआई पुत्र के परिजनों ने पुलिस पर फर्जी कार्रवाई करते हुए ना सिर्फ मारपीट करने का आरोप लगाया बल्कि कस्टडी के दौरान उसे थर्ड डिग्री देते हुए गर्म सलाखों से जलाने का भी आरोप लगाया है।
यह मामला उस वक्त तूल पकड़ लिया जब होली के त्यौहार पर शहर में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एसपी सहित आईजी डीआईजी भ्रमण पर निकले थे तभी पुलिस अधिकारियों के काफिले को एसआई पुत्र के परिजनों ने बीच चौराहे में रोक लिया और अपनी फरियाद सुनाते हुए पुलिस पर गंभीर आरोप लगा डाला।
जेल भेजे गए युवक की बहन ने आरोप लगाते हुए बताया कि मऊगंज पुलिस ने उसके भाई को चोरी के मामले में पूछताछ करने के लिए घर से लेकर गई थी लेकिन जब उसने चोरी नहीं कबूली दो पुलिस ने उस पर एनडीपीएस का फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया और चोरी कबुलवाने के लिए उसके साथ लॉकअप में थर्ड डिग्री का प्रयोग किया गया। आरोपी के परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच कराते हुए दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

जानकारी के मुताबिक पकड़ा गया आरोपी फूल बजरंग मऊगंज निवसी नीलेश वर्मा सतना जिले में पदस्थ सब इंस्पेक्टर का पुत्र है। मऊगंज पुलिस के मुताबिक नीलेश वर्मा को नशीले कफ सीरप की बिक्री करने आरोप में पकड़ा गया है। मामले में आरोपी के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट का मामला दर्ज किया उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है।
मऊगंज पुलिस के मुताबिक आरोपी पर पूर्व से कई अपराध दर्ज हैं जो आदतन आरोपी बताया जा रहा हैए इधर मामले में युवक के परिजन मऊगंज पुलिस पर कस्टडी के दौरान थर्ड डिग्री देने का आरोप लगाया है।
परिजनों का कहना है कि युवक को चोरी के मामले में पूछताछ करने के लिए 2 दिन पूर्व घर से ले जाया गया था जहां उसके साथ कस्टडी में जबरन चोरी का जुर्म कबूल करने के लिए मारपीट करते हुए उसे गर्म सलाखों से चलाया गया है।
वही मामले में पुलिस पर लगे आरोपों को मऊगंज पुलिस ने निराधार बताया है और युवक के शरीर पर चोट के निशान पूर्व में हुए एक्सीडेंट के बताए जा रहे हैं। बहरहाल इस मामले में क्या सच्चाई है यह जांच का विषय है।

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