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अस्पताल की लिफ्ट में महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ : रीवा की सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के लिफ्ट ऑपरेटर ने किया जबरदस्ती का प्रयास

पुरानी अस्पताल के नए भवनों के लोकार्पण समारोह के दौरान हुई घटना, अस्पताल अधीक्षक तक पहुंचा मामला
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किए जाने दावे पूरी तरह से खोखेल साबित हो रहे है। यहां कभी सरेराह महिलाओं के साथ चेन स्नेचिंग होती है तो कभी महिलाएं छेड़खानी जैसी घटनाओं का शिकार होती है। हद तो तब हो गई जब रीवा में अस्पताल जैसी जगह भी महिलाओं के लिये सुरक्षित नहीं है, जहां एक महिला कर्मचारी के साथ छेड़खानी की घटना हुई है।


बता दें कि रीवा के बहुचर्चित राजनिवास में महंत रेपकांड की घटना के बाद रीवा की सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल की लिफ्ट में महिला कर्मचारी छेड़खानी की घटना का शिकार हो गई। अस्पताल में युवती के साथ छेड़़खानी करने वाला कोई और नहीं बल्कि अस्पताल की लिफ्ट का ऑपरेटर बताया गया है।
हालाकि अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले को दबाने का प्रयास किया और इसे अस्पताल स्तर पर ही निपटाने की कोशिश की। वहीं मामला उजागर होने के बाद लिफ्ट संचालन का ठेका चलाने वाला ठेकेदार सवालों से बचते हुये फरार हो गया। फिलहाल मामले की शिकायत अस्पताल के अधीक्षक तक पहुंची है जिस पर अधीक्षक ने जांच कमेटी गठित कर मामले की जांच कराने की बात कही है।

दरअसल अस्पताल में हुई इस घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक अस्पताल के आयुष्मान विभाग में काम करने वाली कम्प्यूटर आपरेटर लड़की के साथ लिफ्ट ऑपरेटर के द्वारा लिफ्ट के अंदर ही जबरदस्ती का प्रयास किया गया।
अस्पताल की लिफ्ट के भीतर हुई इस घटना के बाद पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया और अस्पताल प्रबंधन के द्वारा मामले को दबाने का प्रयास किया गया। बता दें कि यह घटना उस वक्त घटी जब गांधी मेमोरियल अस्पताल के अलग अलग विभागों के लिये बनाए गए नए भवनों का लोकार्पण किया जा रहा था।
घटना को तूल पकड़ता देख आनन.फानन में लिफ्ट ऑपरेटर पवन मिश्रा को बाहर का रास्ता दिखाते हुए खुद ठेकेदार दीपक मिश्रा फरार हो गया है। आपको बता दें कि इसके पूर्व संजय गांधी अस्पताल में करोना काल के दौरान भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं जिसके बाद प्रबंधन के द्वारा मामले को दबाया गया। इस पूरी घटना के संबंध में जब ठेकेदार से संपर्क किया गया तो उसने अपने गांव में होना बताया।

अब सवाल यह उठता है कि जब अस्पताल के अंदर अस्पताल का स्टाफ ही सुरक्षित नहीं है तो इलाज कराने आए मरीज व उनके अटेंडर के साथ किस तरह से सही व्यवहार की अपेक्षा की जा सकती है। बहरहाल अब देखना यह है कि अस्पताल में महिलाओं की सुरक्षा के लिये क्या व्यवस्थाएं की जाती है या फिर घटनाएं इसी तरह से प्रकाश में आती रहेंगी।

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