Site iconSite icon Tezkhabar24.com

बंदर की मौत के 10वें दिन हनुमान चालीसा व भंडारे का हुआ आयोजन, गाजे बाजे के साथ निकली थी शव यात्रा

करंट की चपेट में आने से हुई थी बंदर की मौत, नगर के लोगों ने पेश की मानवता की मिशाल

तेज खबर 24 रीवा।

भाग दौड़ भरी दुनिया और कलयुग के इस दौर में जहां इंसान इंसान की मौत पर सही ढंग से उसका क्रिया कर्म नहीं कर पाता वहीं बंदर की मौत पर ना सिर्फ गाजे बाजे के साथ शव यात्रा निकालकर उसका अंतिम संस्कार किया गया बल्कि 10वें दिन हनुमान चालीसा व भंडारे का भी आयोजन किया गया।


दरअसल बंदर की मौत पर पेश की गई मानवता की मिशाल का यह मामला रीवा जिले के चाकघाट नगर का है, जहां बंदर की मौत पर नगरवासियों ने ना सिर्फ गांजे बाजे के साथ शव यात्रा निकालकर उसका अंतिम संस्कार किया बल्कि 10वें दिन हनुमना चालीस का पाठ और भंडारे का आयोजन भी कराया।

जानकारी के मुताबिक बीते दिवस चाकघाट नगर के वार्ड 12 में विधुत पोल के तार से करंट की चपेट में आने से बंदर की मौत हो गई थी। बंदर का शव नगर के ही एक दुकान के सामने मिला। पहले तो दुकानदार ने बंदर के मौत की नगर परिषद और वन विभाग को सूचना दी लेकिन जब किसी ने भी उसके शव का अंतिम संस्कार करने में रुचि नहीं दिखाई तो स्थानीय नगर वासियों नें मिलकर उसका अंतिम संस्कार कराया।


नगर वासियों ने बताया कि बंदर भगवान हनुमान का अवतार है, जिस पर उनकी आस्था है और इसी आस्था के चलते बंदर के निधन पर गाजे बाजे से शव यात्रा निकालकर उसका अंतिम संस्कार कराया गया और 10वें दिन भंडारे के साथ साथ हनुमान चालीसा का पाठ कराया गया है।
बता दें कि शनिवार को चाकघाट नगर में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। आपको बता दें कि रीवा में बंदर के प्रति पेश की गई मनवता की इस मिशाल की चर्चा प्रदेशभर में हो रही है और हर कोई इसकी प्रशंसा कर रहा है।

Exit mobile version