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रीवा कांग्रेस के 10 पदाधिकारी पार्टी से निष्कासित : कहीं अपने ही पैर में कुल्हाड़ी तो नहीं मार रही कांग्रेस…?

जिला कांग्रेस कमेटी की रिपोर्ट पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने लिया एक्शन, निष्कसित पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं पर पार्टी से बगावत का आरोप…
तेज खबर 24 रीवा।
मध्यप्रदेश में चल रहे चुनावी दौर के बीच रीवा की कांग्रेस में भूचाल से मचा हुआ है। रीवा में एक दिन पूर्व ही कांग्रेस से प्रदेश प्रवक्ता सहित जिला प्रवक्ता को पार्टी से निष्कासित किया गया था, जिन्होंने पार्टी से निकलते ही बीजेपी का दामन थामन लिया और अब एक बार फिर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से रीवा के 10 और पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने निष्कासन की यह कार्यवाही जिला कांग्रेस कमेटी की रिपोर्ट पर की है जिसमें दस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं पर पार्टी से बगावत करने का आरोप है। माना जा नहा है कि कांग्रेस पार्टी जिस तरह से अपने हक के लिये आवाज उठाने वाले अपने ही पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा रही है उससे कहीं ना कहीं कांग्रेस खुद के पैर में कुल्हाड़ी मार रही है और इसका खामियाजा महापौर के चुनाव में पार्टी को उठाना पड़ सकता है।

दरअसल कांग्रेस पार्टी की ओर से मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने रीवा के 10 पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को पार्टी से 6 साल तक के निष्कासन का फरमान जारी किया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने यह कार्यवाही जिला कमेटी की रिपोर्ट पर की है। निष्कासित किए गए पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के खिलाफ जिला कमेटी ने एक रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सांपी है जिसमें संबंधित पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं पर पार्टी से बगावत करने व पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है।


इन्हें पार्टी से किया गया निष्कासित
कांग्रेस पार्टी ने जिन पदाधिकारियों को निष्कासित किया है उनमें सुलभ पाण्डेय, ओमप्रकाश मिश्रा, कांग्रेस सेवादल के रोहिणी कुशवाहा, पूर्व पार्षद श्याम बाबू लोनिया, लक्ष्मण यादव, उपभोक्ता कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार सर्राफ, अशोक कटारिया, सहफूज खान, अल्पसंख्यक विभाग के शहर कांग्रेस अध्यक्ष माजिद खान व गुले मोहम्मद शामिल है।


क्या चुनाव लड़ना बगावत है…
कांग्रेस पार्टी की कार्यवाही पर निष्कासित किए गए अल्पसंख्यक विभाग के शहर अध्यक्ष माजिद खान ने कहा कि क्या चुनाव लड़ना बगावत है…? उन्होंने कहा कि वार्ड पार्षदी के टिकट वितरण में पार्टी के ही नेताओं ने दखलअंदाजी कर अपने चहेतों को टिकट दिलाने का काम किया और पार्टी के सक्रिय पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को टिकट से वंचित कर दिया गया ऐसे में अगर वह व्यक्ति चुनाव लड़ रहा है तो उसे पार्टी बगावत और पार्टी विरोधी बता दिया जाता है।


आखिर कौन है बगावत का जिम्मेदार…
कांग्रेस पार्टी में जिस तरह से बगावत का दौर जारी है उसके पीछे कौन जिम्मेदार है यह पार्टी पता लगाने का प्रयास नहीं कर रही है। कांग्रेस पार्टी का हाल इन दिनों एक कहावत जैसा है जिसमें कहा गया है कि कौवा कान ले गया तो कौन कान ले गया लेकिन कोई यह नहीं देख रहा है कि कान है या नहीं। दरअसल प्रदेश की कांग्रेस कमेटी ने जिस तरह से आंख मूंदकर कार्यवाही कर रही है उससे पहले यह पता लगाना चाहिए कि आखिर इस बगावत का कारण क्या है।


कहीं महापौर प्रत्याशी के लिये षड़यंत्र तो नहीं…
कांग्रेस ने जब से रीवा के महापौर प्रत्याशी के नाम की घोषणा की है तब से जिला कांग्रेस कमेटी के कुछ पदाधिकारियों के अंदर असंतोष है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के अंदर मचे इस भूचाल के पीछे महापौर प्रत्याशी के लिये यह कोई बड़ा षड़यंत्र तो नहीं। कहने को तो कांग्रेस प्रत्याशी एक जमीनी नेता है लेकिन उनके साथ पार्टी के कुछ चंद नेता ही खुश नजर आ रहे है जबकि अन्य नेता सिर्फ दिखावे के लिये ही साथ है लेकिन उनके चेहरों में आज भी मायूसी है और यह मायूसी किसी बड़े षड़यंत्र की ओर इशारा करती है।

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