हायर सेकण्डरी स्कूल के शिक्षक और व्याख्याता पर गिरी निलंबन की गाज, जानिए क्या है पूरा मामला…
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा में संम्पन्न हुए तीसरे चरण के पंचायत चुनाव के दौरान शासकीय कर्मचारी कुछ ऐसा काम करते मिले की कलेक्टर ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। कलेक्टर द्वारा निलंबित किये गए कर्मचारियों पर आरोप था कि उनके द्वारा अपने सगे संबंधियों के पक्ष में चुनाव प्रचार किया जा रहा है और वह मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे है। कलेक्टर ने शिकायत को गंभीरता से लिया और इसे अनुशासनहीनता मानते हुए दोनों कर्मचारियों के निलंबन का आदेश दे दिया।
जिले में पंचायत निर्वाचन के अंतिम चरण का मतदान 8 जुलाई को कराया गया। इस चरण में जवा,त्योंथर तथा सिरमौर विकासखण्डों में मतदान कराया गया। मतदान के दौरान दो शासकीय कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी छोड़कर तथा शासकीय सेवा की मर्यादा का उल्लंघन करते हुए मतदाताओं को अपने सगे.संबंधियों के पक्ष में मतदान कराने का प्रयास किया। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मनोज पुष्प ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए दोनों कर्मचारियों के निलंबन के आदेश दिए हैं।
माता जी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे थे शिक्षक
इस संबंध में अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि विकासखण्ड सिरमौर के हायर सेकण्डरी स्कूल पड़री में पदस्थ शिक्षक सुखेन्द्र सिंह द्वारा मतदान के दौरान अपनी माता जी के पक्ष में चुनाव प्रचार करते एवं मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास करते हुए पाए गए। इसे चुनाव की आदर्श आचरण संहिता तथा मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के प्रावधानों का उल्लंघन मानते हुए उनके विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही की गई है। निलंबन अवधि में श्री सिंह को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।
भतीजे के पक्ष में मतदाताओं पर वोट करने का दबाव बना रहे थे व्यख्याता
अपर कलेक्टर ने बताया कि शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिरमौर में पदस्थ व्याख्याता हीरामणि त्रिपाठी को भी निर्वाचन कार्य में अवैध रूप से चुनाव प्रचार करते पाए जाने पर निलंबित किया गया है। श्री त्रिपाठी 8 जुलाई को मतदान के दौरान ग्राम पंचायत अकौरी के मतदान केन्द्र क्रमांक 253 में मतदान केन्द्र के अंदर पाए गए। श्री त्रिपाठी सरपंच पद के प्रत्याशी अपने भतीजे के पोलिंग एजेंट के रूप में मतदाताओं पर अपने भतीजे के पक्ष में मतदान करने का दबाव बना रहे थे। इसे गंभीर कदाचरण और अनुशासनहीनता मानते हुए सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत निलंबन की कार्यवाही की गई है।