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इंसान की बलि : रीवा में बेटे की मन्नत पूरी होने पर मंदिर में युवक का गला काटकर चढ़ा दी बलि…

एक सप्ताह पूर्व मंदिर में मिली थी युवक की लाश, पुलिस ने किया चौकाने वाला खुलाशा
तेज खबर 24 रीवा।

विज्ञान के इस युग में आज भी लोग अंधविश्वास जैसी बातों पर विश्वास करते है। और यह अंधविश्वास समाज के लिये घातक साबित होता है। कहते है धर्म के प्रति विश्वास और आस्था रखना अच्छा है लेकिन आस्था जब अंधविश्वास में बदल जाए तो वह बेहद ही खौफनाक होती है। दरअसल हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के रीवा जिले की जहां अंधविश्वास के चलते एक इंसान की ही बलि चढ़ा दी गई।


यहां बेटे की चाहत में एक व्यक्ति ने मंदिर में मन्नत मांगी और मन्नत पूरी होने पर बलि देने का प्रण भी किया। यह इंतफाक था या फिर कुदरत का करिश्मा उस व्यक्ति की मन्नत पूरी हुई और उसने अपने प्रण को पूरा करने के लिए एक इंसान की बलि दे डाली। पुलिस ने अंधविश्वास के इस खेल में बलि के रुप में की गई हत्या का यह बेहद ही चौकाने वाला खुलाशा किया है और बलि चढ़ाने वाले व्यक्ति को हत्या के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक युवक की हत्या करने वाला शख्स तीन बेटियों का पिता था और उसने बेटे के लिए मंदिर में मन्नत मांगी थी। और जब बेटे की मन्नत पूरी हुई तो उसने मंदिर में ही गला काटकर युवक की हत्या कर बलि चढ़ा दी।

घटना है 6 जुलाई 2022 की और स्थान था रीवा के बैकुण्ठपुर थाना क्षेत्र स्थित बेढौआ गांव की देवी मंदिर का। रोजना की तरह 6 जुलाई की सुबह मंदिर पहुंचे भक्तां ने मंदिर परिसर में ही एक युवक की लाश पड़ी देखी। युवक का गला कुल्हाड़ी से कटा था और पास में ही कुल्हाड़ी भी पड़ी थी। युवक कौन था उसकी हत्या किसने की थी यह अब तक साफ नहीं था। लाश मिलने के दूसरे दिन मृतक की पहचान 18 साल के दिव्यांश कोल निवासी क्योटी के रुप में हुई।


पुलिस को यह तो शक था कि युवक की हत्या अंधविश्वास में हुई है लेकिन इस शक को यकीन में बदलने पड़ताल शुरु की गई। पुलिस ने जब तहकीकात शुरु की तो पता चला कि युवक को आखिरी बार रामलाल प्रजापति के साथ देखा गया था। पुलिस ने संदेह के आधार पर रामलाल प्रजापति को पूंछताछ के लिये थाने बुलाया जहां वह पुलिस को गुमराह करता रहा लेकिन जब पुलिस ने पूंछताछ का तरीका बदला तो बेहद ही खौफनाक सच सामने आ गया।

आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए जिस तरह से हत्या का सच बताया उसे सुनकर पुलिस भी हैरत में पड़ गई। आरोपी की तीन बेटियां थी और उसने बेटे के लिये देवी से मन्नत मांगी थी। आरोपी ने प्रण किया था कि उसे बेटे की प्राप्ति होने पर वह देवी मां के चरणों में बलि चढ़ाएगा। इत्तफाक से उसे मन्नत मांगने के कुछ ही दिनों बाद बेटे की प्राप्ति हुई और अब उसे अपना प्रण पूरा करने के लिये एक इंसान की जरुरत थी जिसकी वह बलि दे सके। आरोपी बलि देने के लिए एक युवक की तलाश कर रहा था तभी 18 साल का दिव्यांश उसे बकरियां चराते मिल गया। सूनसान जगह पर आरोपी युवक को अकेला पाकर उसे अपनी बातों में फंसाकर बेढ़ौआ गांव स्थित देवी मंदिर लाया जहां कुल्हाड़ी से गला काटकर उसकी हत्या कर दी, और इस तरह से अंधविश्वास के फेर में एक युवक की जान चली गई।


घटना के बाद से आरोपी फरार था जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जाता है कि आरोपी तंत्रमंत्र भी करता था और गांव में लोगों की परेशानियों को दूर करने के नाम पर झाड़फूंक भी करता था। फिलहाल पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध आईपीसी की धारा 302 का अपराध दर्ज कर लिया है जिसे न्यायालय में पेश किया जाएगा।

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