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रीवा में चुनाव हारे कांग्रेस प्रत्याशी की मौत : नगरीय निकाय चुनाव में हार की खबर मिलते ही प्रत्याशी को पड़ा दिल का दौरा

गर परिषद में कांग्रेस की एकतरफा जीत के बाद भी 14 मतों से मिली हार बर्दाश्त नहीं कर पाए प्रत्याशी
तेज खबर 24 रीवा।

मध्यप्रदेश के रीवा से बड़ी खबर है जहां रीवा के तीन नगर परिषदों में आज सम्पन्न हुई मतगणना के बाद मिली हार से दुखी कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशी की मौत हो गई है।
कांग्रेस प्रत्याशी रीवा के हनुमना नगर परिषद से वार्ड क्रमांक 9 से पार्षद प्रत्याशी थे। रविवार की दोपहर तक चली मतणना के बाद की गई घोषणा में कांग्रेस प्रत्याशी को 14 मतों से पराजित घोषित किया गया था। चुनाव में हार की खबर मिलते ही प्रत्याशी को दिल का दौरा पड़ा जिन्हें लेकर आनन फानन में परिजन रीवा आ रहे थे तभी रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। कांग्रेस प्रत्याशी की असमय मौत की खबर फैलते ही इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।


जानकारी के मुताबिक हनुमना नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 9 से हरिनारायण गुप्ता को कांग्रेस ने अपना पार्षद प्रत्याशी बनाया था। हरिनारायण कांग्रेस के हनुमना मंडलम अध्यक्ष थे। हनुमना में नगरीय निकाय का चुनाव प्रथम चरण में सम्पन्न हुआ और 17 जुलाई को आज हुई प्रथम चरण की मतगणना में हरिनारायण गुप्ता वार्ड के निर्दलीय प्रत्याशी से 14 मतों से हार गए। बताया गया कि मतगणना के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी अपने घर पर ही मौजूद थे और जैसे ही उन्हें हार की खबर मिली तो अचानक से उनकी तबियत बिगड़ गई जिन्हें परिजन आनन फानन में लेकर रीवा रवाना हुए तभी रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।

शोक में डूबा इलाका
चुनाव में मतों की गणना के बाद हुई कांग्रेस प्रत्याशी की मौत से इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में हुई मौत के बाद प्रत्याशी का शव वापस हनुमना ले जाया गया है। यहां लोगों की भारी भीड़ के बीच परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि प्रत्याशी की असमय मौत से परिवार के ही कुछ और लोगों की तबियत बिगड़ी हुई है।

जहां कांग्रेस ने जमाया कब्जा वहीं से हारे कांग्रेस प्रत्याशी की हुई मौत
बताया गया कि रीवा जिले के तीन नगर परिषदों में से एक हनुमना में कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाया है। हनुमना की 15 सीटों में से कांग्रेस को 8 सीटे मिली है बावजूद इसके वार्ड 9 के प्रत्याशी को महज 14 मतों से चुनाव हार मिली और यह हार वह बर्दाश्त नहीं कर सके। एक ओर जहां कांग्रेस को मिली प्रचंड बहुमत से कांग्रेस में जश्न का माहौल था तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को मिली हार से हुई मौत के बाद जीत का जश्न मातम में तब्दील हो गया।

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