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रीवा में शपथ को लेकर बीजेपी कांग्रेस में टकराव : कांग्रेस से पहले बीजेपी के 25 और 1 निर्दलीय पार्षद ने ली शपथ…

कांग्रेस महापौर के साथ शपथ लेने से बीजेपी पार्षदों का इंकार, कलेक्ट्रेट में सम्पन्न हुआ शपथ ग्रहण समारोह
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा नगर निगम चुनाव सम्पन्न होने के बाद नवनिर्वाचित महापौर और पार्षदों के शपथ ग्रहण करने से पहले ही टकराव की स्थिति निर्मित हो गई। बीजेपी और कांग्रेस के बीच पहला टकराव शपथ ग्रहण को लेकर हुआ।
बीजेपी ने कांग्रेस महापौर के साथ शपथ लेने से इंकार कर दिया जिसके चलते प्रशासन को बीजेपी पार्षदों व उनके समर्थित पार्षदां के लिए अलग से शपथ ग्रहण की व्यवस्था करनी पड़ी और गुरुवार को आज कलेक्ट्रेट सभागार में शपथ ग्रहण का कार्यक्रम में रखा गया। बीजेपी की ओर से आज 25 नवनिर्वाचित पार्षद सहित 1 निर्दलीय पार्षद ने शपथ ग्रहण में हिस्सा लिया।


दरअसल आज रीवा नगर निगम से निर्वाचित हुए बीजेपी के 25 पार्षदों सहित 1 निर्दलीय पार्षद ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समारोह में शपथ ली है। हांलाकि इस शपथ ग्रहण समारोह में ना तो कांग्रेस के महापौर शामिल हुए और ना ही पार्षद। कांग्रेस ने बीजेपी पर एक साथ शपथ ना लेकर अलग से शपथ लेने पर व्यवस्था बदलने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी हार को पचा नहीं पा रही है।
बता दें कि रीवा नगर निगम में कुल 45 वार्ड है और 45 पार्षद भी निर्वाचित किए है। ऐसे में हर साल सभी 45 पार्षद व महापौर का एक साथ शपथ समारोह किया जाता है लेकिन इस बार बीजेपी ने कांग्रेस महापौर के साथ शपथ लेने से इंकार कर दिया। ऐसे में प्रशासन को अलग अलग शपथ समारोह की व्यवस्था करनी पडी जिसमें आज पहला समारोह बीजेपी के लिये रखा गया जबकि दूसरा 30 जुलाई को होगा जिसमें कांग्रेस महापौर के साथ अन्य सभी पार्षद शपथ लेंगे।


कलेक्ट्रेट में केवल बीजेपी पार्षदों के लिए आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह में जिला व नगर निगम प्रशासन सहित पूर्व मंत्री व रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला, भाजपा जिला अध्यक्ष अजय सिंह सहित पूर्व महापौर उपस्थित रहे। रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि गरिमायी कार्यक्रम में भाजपा के पार्षदों ने शपथ ली है और नगर के विकाश में सभी अपनी रचनात्म भूमिका निभाएंगे ऐसा संकल्प लिया गया।
कांग्रेस द्वारा व्यवस्था बदलने के लगाए गए आरोपों पर उन्होंने कहा कि यह कोई पहली बार ऐसा नहीं हो रहा है, अपनी सुविधानुसार पार्षद नोटिफिकेशन होने के बाद शपथ पहले भी लेते रहे है और इस तरह की परम्परा पहले भी रही है।

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