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रीवा में किसानों का चक्काजाम आंदोलन : हाइवे जाम कर बैठे किसान नेताओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार…

एमएसपी गारंटी कानून बनाने व अग्निपथ योजना को समाप्त करने की मांग को लेकर किसान मोर्चा ने किया आंदोलन
तेज खबर 24 रीवा।
किसानों के लिए एमएसपी कानून गारंटी की मांग को लेकर किसान संगठनों का आंदोलन समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आव्हान के बाद आज देशभर की तर्ज पर रीवा में भी किसानों ने केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ सड़कों में उतरकर आंदोलन प्रदर्शन किया है। रीवा में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से रतहरा बायपास में दो घंटे तक चक्काजाम किया गया जिस दौरान पुलिस ने सैकड़ों किसान नेताओं की गिरफ्तारी कर आंदोलन को समाप्त कराया है।


दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आव्हान के मुताबिक यह निर्णय लिया गया था कि माह जुलाई के अंतिम सप्ताह से लेकर 14 अगस्त के दरमियान पूरे देश में एमएसपी गारंटी का कानून बनाने, अग्नीपथ योजना रद्द करने व आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने सहित लखीमपुर खीरी मामले जैसे तमाम मुद्दों को लेकर आंदोलन चलाए जाएंगे।


किसान मोर्चे के किसान नेताओं ने मोदी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने 19 नवंबर 2021 को किसान बिल वापस लेने की घोषणा की थी। इसके बाद 9 दिसंबर को सरकार की ओर से किसानों की शेष 6 प्रमुख मांगो को शीघ्र निराकरण के लिए कमेटी बनाए जाने पत्र भेजा गया था लेकिन सरकार अपने ही पत्र को भूल गई जिसके विरोध में राष्ट्रव्यापी आव्हान मुताबिक आज देशभर की तर्ज पर रीवा में भी रतहरा बाईपास में हाईवे जाम आंदोलन करने पहुंचे संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को 2 घंटे जाम के बाद पुलिस को गिरफ्तारी दी। आंदोलन प्रदर्शन के दौरान किसान नेताओं ने केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया है।
हाईवे जाम दौरान किसान नेताओं ने यात्रियों को पानी भी पिलाया तथा उनसे साथ देने का निवेदन किया और जाम के दौरान इमरजेंसी सेवाएं चालू रही। हाईवे से गिरफ्तार किसान नेताओं को कार्यपालिक दंडाधिकारी तहसील हुजूर यतींद्र शुक्ला ने बिना शर्त रिहाई की घोषणा की जिस दौरान मौके पर सीएसपी रीवा सहित कई थानों के आला अधिकारी उपस्थित रहे।


इन किसान नेताओं ने दी गिरफ्तारी…
गिरफ्तार किसान नेताओं में प्रमुख रूप से संयोजक शिव सिंह, किसान नेता गया प्रसाद मिश्रा, रामजीत सिंह, कुंवर सिंह, लालमणि त्रिपाठी, इंद्रजीत सिंह शंखू, बद्रीप्रसाद कुशवाहा, आर एस वर्मा, उमेश सिंह, अनिल सिंह पिंटू, आशा तिवारी, अभिषेक कुमार पटेल, शेखर भारतीय, शोभनाथ कुशवाहा, संतकुमार पटेल, फौजी यदुवंश प्रताप सिंह, दिनेश डायमंड, पप्पू कनौजिया, संजय निगम, अजय पांडे, दिनेश ओबीसी, डॉ प्रतिभा सिंह, राज पटेल, अनिल सिंह जवा, विजय तिवारी बाबा, शेषमणि पटेल, शिवपाल सिंह, संतोष पटेल, सुग्रीव सिंह, अखिलेश तिवारी, जयभान सिंह, वीरभान सिंह, रमेश पटेल, मिथिला सिंह, अनूप सिंह, धोनी सुरेंद्र सिंह, सुभाष पटेल, सुनील पटेल, दिलीप पटेल, जितेंद्र पटेल, लकी पटेल, धर्मदास पटेल, अशोक सिंह, राघवेंद्र पटेल, जितेंद्र विश्वकर्मा, बृजमोहन पटेल, रघुनाथ पटेल, निर्भय पटेल, विश्वजीत सिंह, गोविंद पटेल, संजय सोधिया आदि सैकड़ों की संख्या में शामिल रहे।

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