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खून से लिखा राष्ट्रपति के नाम पत्र : रीवा में एनएसयूआई ने अग्निपथ योजना के खिलाफ सौंपा ज्ञापन

एनएसयूआई ने कहा अग्निपथ योजना से होगा देश के सैनिकों का अपमान
तेज खबर 24 रीवा।
केंन्द्र सरकार ने अग्निपथ योजना की शुरुआत भले ही कर दी हो लेकिन इसका विरोध अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। अग्निपथ योजना को लेकर एनएसयूआई छात्रों ने राष्ट्रपति के नाम खून से पत्र लिखकर ज्ञापन सौंपा है।
एनएसयूआई का कहना है कि अग्निपथ योजना से सैनिकों का अपमान होगा जिसे समाप्त किया जाना चाहिए।दरअसल गुरुवार को एनएसयूआई छात्रों का एक दल रीवा कलेक्ट्रेट कार्यालय में ज्ञापन पत्र सौंपने पहुंचा था। छात्रों ने योजना के नाम को एक पत्र में खून से लिखा जबकि दूसरा ज्ञापन पत्र राष्ट्रपति के नाम सौंपा गया।


ज्ञापन सौंपने पहुंचे छात्रों ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता, देश की आन बान शान को बनाने वाले हमारे जवान सैनिक जिन्होंने अपना बलिदान देकर हमे आजादी दिलाई, जिनकी वजह से हम स्वतंत्र रहते है आज उन्हीं सैनिका का भाजपा सरकार अपमान कर रही है। उनके शौर्य और पराक्रम को अपमानित कर रही है। हमारे देश के पराक्रमी वीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान देकर हमें आजादी दिलाई है हमारे देश की आन बान शान हमारे देश के वीर जवान हैं आज हमारे देश का युवा उन्हीं शौर्य और पराक्रम को देखकर देश की सेवा में जाना चाहता है लेकिन भाजपा सरकार उसे एक योजना का नाम देकर हमारे वीर सैनिकों और शहीदों के बलिदान को अपमानित कर रही है। अग्निपथ में आने वाले इन योजनाओं को एनएसयूआई छात्र संगठन ने हटाने की मांग की है, और राष्ट्रपति के नाम खून से लिखे पत्र के साथ ज्ञापन सौपा है।


एनएसयूआई का कहना है कि भाजपा सरकार द्वारा सेना को रोजगार का साधन और योजना का नाम देना, 4 साल के बाद रिटायरमेन्ट। पेंसन और कैंटीन का लाभ नहीं । जाति प्रमाण पत्र मांगना। शहीद का दर्जा न देना यह सब गलत है। एनएसयूआई ने महामहिम राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि तत्काल प्रभाव से इस योजना को निरस्त किया जाये।

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