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…जब मासूम बच्चे की मौत के बाद भी सीने से लगाकर घूमती रही मां, सरकारी तंत्र की बदइंतजामी ने ली जान…

बेटे को अस्पताल ले जाने रात भर एम्बुलेंस का इंतजार करती रही मां, सुबह जब अस्पताल पहुंची बच्चे की हो गई मौत
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा में डेढ़ साल के मासूम बच्चे की मौत ने सरकारी तंत्र के बदइंतजामी की पोल खोलकर रख दी है।
यहां बीमार बच्चे को अस्पताल ले जाने के लिये एक मां रातभर एम्बुलेंस का इंतजार करती रही। सुबह बच्चे को लेकर उसे 4 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा, किसी तरह से अस्पताल पहुंचने के बाद भी जब समुचित उपचार नहीं मिला तो वह जिले की प्रमुख अस्पताल पहुंची लेकिन इन सब के बाद भी बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी।
हद तो तब हो गई जब यह मां अपने मृत हो चुके बच्चे को वापस घर ले जाने के लिये उसे सीने से लगाकर घूमती रही।
दरअसल दिल को झकझोर देने वाली यह घटना रीवा के सेमरिया थाना क्षेत्र के गोदहा गांव की है।


जानकारी के मुताबिक ग्राम गोदहा में रहने वाली पूनम साकेत के डेढ़ वर्षीय पुत्र सिद्धार्थ की शुक्रवार की रात तबियत बिगड़ गई। बच्चे को बुखार और दस्त की शिकायत थी। मां ने अपने बच्चे को अस्पताल ले जाने के लिऐ एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन गांव में पहुंच मार्ग ना होने की वजह से एम्बुलेंस वहां नहीं आई और वह रातभर इंतजार करती रही। सुबह किसी तरह 4 किलोमीटर तक पैदल चलकर मुख्यमार्ग पहुंची और वहां एम्बुलेंस मिलने के बाद सिरमौर के सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र लाया गया लेकिन यहां भी बच्चे को समुचित उपचार नहीं मिला और उसे रीवा ले जाने को कहा गया। सिरमौर से रीवा जाने के लिए भी महिला के पास कोई साधन नहीं था और ना ही एम्बुलेंस मिली ऐसे में महिला ने 800 रुपए में एक आटो को बुक किया जिसकी मदद से वह किसी तरह संजय गांधी अस्पताल तो लेकर पहुंची लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच के दौरान ही उसे मृत घोषित कर दिया।


हद तो तब हो गई जब महिला के पास घर जाने के लिये पैसे तक नहीं बचे ऐसे में बेबस और लाचार मां अपने मृत बच्चे को सीने से लगाकर घूमती रही। हांलाकि बाद में उस महिला की कुछ लोगों ने मदद की और उसे वापस उसके गांव भिजवाया। गौरतलब है कि शासन और प्रशासन गांव गांव सरकारी सुविधाओं को प्रदान करने का दावा करता है लेकिन यह तमाम दावे इस बच्चे की मौत से झूठे और खोखले साबित हो गए।

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