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रीवा नगर निगम में छिड़ी अधिकारों की जंग : महापौर और स्पीकर आमने सामने, जानिए क्या है विवाद…

स्पीकर द्वारा अधिकारियों की बैठक लेने और निर्देश देने पर गर्माया मामला, बोले महापौर स्पीकर को बैठक लेने का नहीं है अधिकारी
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा नगर निगम की नवनिर्वाचित सरकार का गठन और निगम परिषद का अध्यक्ष मनोनीत किये जाने के बाद क्षेत्राधिकार की विवाद शुरु हो चुका है। एक तरफ महापौर शहर के विकाश को गति देने की बात करते हुए अधिनियम की धाराओं के तहत स्पीकर और महापौर के अधिकारों का हवाल दे रहे है तो वहीं स्पीकर ने महापौर द्वारा किए जा रहे भूमिपूजन पर सवाल खड़े करते हुए अधिकारियों की बैठक लेकर पूर्व में हो चुके कार्यो के भूमिपूजन को दोबारा नहीं कराने के निर्देश दिए है। हांलाकि स्पीकर का नगर निगम के अधिकारियों की बैठक लेना उनके क्षेत्राधिकार से बाहर बताया गया है जिसे लेकर महापौर और स्पीकर के बीच क्षेत्राधिकार की लड़ाई छिड़ गई है।


गौरतलब है कि 23 वर्ष बाद महापौर के सिंहासन पर कांग्रेस ने महापौर के सिंहासन पर कब्जा तो कर लिया लेकिन परिषद अध्यक्ष का सिंहासन भारतीय जनता पार्टी से नहीं छिन पाया। दोनों ही जनप्रतिनिधियों की ओर से नगर के विकास की बात तो की जा रही है पर अधिकारों को लेकर अभी भी शक्ति प्रदर्शन का दौर बदस्तूर जारी है।
सरकार बनने के बाद एक बार परिषद की बैठक हुई लेकिन 2 दिन पहले परिषद अध्यक्ष के द्वारा पार्षदों एवं अधिकारियों की प्रथक से बैठक ली गई। बैठक में परिषद अध्यक्ष के द्वारा यह कहा गया कि जिस कार्य का भूमि पूजन पूर्व में हो चुका है। दोबारा नहीं होगा साथ ही अन्य निर्देश भी जारी किए गए। इधर महापौर अजय मिश्रा बाबा ने एक पत्र आयुक्त के नाम लिखकर परिषद अध्यक्ष को आईना दिखाने का काम किया है। उन्होंने नगर निगम के अधिनियम 1956 का हवाला देते हुए अध्यक्ष के अधिकार एवं सीमाएं बता दी है।

बिना कार्यदेश के ही करा दिया भूमिपूजन, अधिकारियों ने साधी चुप्पी
जनप्रतिनिधियों के बीच चल रहे शक्ति प्रदर्शन का असर अधिकारियों पर साफ दिखाई दे रहा है। अधीक्षक यंत्री एसके चतुर्वेदी से जब यह पूछा गया कि बिना कार्यदेश के भूमि पूजन पूर्व में कैसे हो गया तो वह भी कुछ कहने से कतराते रहे। आज महापौर अजय मिश्रा बाबा के द्वारा वार्ड क्रमांक 15 में नाला निर्माण के लिए 41 लाख एवं 17 लाख का दो अलग.अलग भूमि पूजन किया गया जिसका कार्यदेश 8 अगस्त को हुआ है। लेकिन इसका भूमि पूजन पूर्व में भी हो चुका है क्यों और कैसे अब यह तो नगर निगम के प्रशासनिक अधिकारी ही बता सकते हैं। अब देखा यह जा रहा है कि नगर निगम का चुनावी युद्ध भले ही समाप्त हो चुका हो लेकिन शक्ति प्रदर्शन का दौर अभी भी बदस्तूर जारी है।


महापौर ने स्पीकर के निर्देशों को शून्य घोषित करने लिखा पत्र
नगर निगम के अधिकारियों की बैठक लेकर स्पीकर द्वारा दिए गए निर्देशों पर महापौर ने अपने पत्र में कहा है कि विधि विरुद्ध दिए गए किसी भी निर्देश का अमल नहीं किया जाए। महापौर ने अपने पत्र में यह भी कहा कि यदि शहर के विकास से जुड़ी कोई जानकारी स्पीकर चाहते है तो वह आयुक्त के माध्यम से उन्हें उपलब्ध कराई जा सकती है। आयुक्त को कहा है कि सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित कर व्यवस्था बनाएं।


स्पीकर का बैठक लेना नियम विरुद्ध
महापौर अजय मिश्रा बाबा ने कहा कि वह शहर के विकास के लिए संकल्पित है। किसी भी दल का पार्षद हो उन सबके प्रस्तावों का सम्मान करते हुए विकास कराएंगे। उन्होंने कहा कि स्पीकर ने अधिकारियों की बैठक लेना शुरु कर दिया है, यह नियम विरुद्ध परंपरा है। इसलिए आयुक्त से कहा है कि अनावश्यक बैठकों में समय जाया नहीं करे, शहर के विकास में ध्यान दें। महापौर ने अधिकारों की बात करते हुए कहा कि स्पीकर को परिषद की बैठक में ही संचालन का अधिकार है।

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