प्रदेश में बिना मानक का पालन किए चल रहे नर्सिंग कालेजों के मामले में हाईकोर्ट ने दिए कठोर निर्देश
तेज खबर 24 रीवा सतना।
रजिस्ट्रार मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के आदेश के बाद भी नर्सिंग कॉलेजों को अकादमी भवन, छात्रावास, लैब, उपकरण, संबंद्ध अस्पताल की जानकारी नहीं देना अब महंगा साबित हुआ है। काउंसिल ने नर्सिंग संस्था में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने और मापदंडों का पालन नहीं करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के 93 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है जिसमें रीवा के तीन और सतना के चार नर्सिंग होम भी शामिल है।
दरअसल प्रदेश में मापदंड पूरे किए बिना चल रहे फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के मामले में मंगलवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कठोर निर्देश दिए। चीफ जस्टिस रवी मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत कार्रवाई की रिपोर्ट को असंतोषजनक माना। कोर्ट ने निर्देश दिए कि नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता संजू को तत्काल निलंबित किया जाए। 24 घंटे के अंदर उनकी जगह प्रशासक की नियुक्ति की जाए जो आगामी आदेश तक प्रभार संभालेंगे। अगली सुनवाई अब 4 सप्ताह बाद नियत कर दी गई है।
गौरतलब है कि एडवोकेट विशाल बघेल की जनहित याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल की ओर से उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने काउंसिल रजिस्टार सुनीता सिंजू का शपथ पत्र पेश किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि गत वर्ष 2020 21 में खुले हुए 453 कालेजों में से 94 को इस वर्ष मान्यता नवीनीकरण की अनुमति नहीं दी गई है। कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों को भी अन्यत्र स्थानांतरित किया जा रहा है। अनियमितता के चलते अन्य 93 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता 22 अगस्त को निलंबित कर दी गई है।
रीवा और सतना के इन नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता हुई निरस्त
जानकारी के मुताबिक जिन नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता समाप्त की गई है उनमें रीवा के तीन नर्सिंग कॉलेज शामिल हैं। जिनमें जवाहरलाल नेहरू कॉलेज ऑफ नर्सिंग, श्री सद्गुरु साईनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग, स्वास्तिक नर्सिंग कॉलेज शामिल है। इसके अलावा सतना के नर्सिंग कॉलेजों में सिटी नर्सिंग स्कूल, महात्मा गांधी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, सार्थक स्कूल ऑफ नर्सिंग सतना, स्कॉलर होम नर्सिंग कॉलेज शामिल है।