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रीवा की ग्राम पंचायतों में पति और पुत्रों की दखल : महिला सरपंच का पुत्र और सचिव के पति मिलकर कर रहे थे समिति की गठन, जमकर हुआ विरोध

रीवा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत बांसी का मामला, जिले में नहीं खत्म हो रही सरपंच पतियों के दखअंदाजी की प्रथा
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा जिले में पंचायतों का चुनाव जीतकर जनता की जनप्रतिनिधि बनने वाली महिलाओं के पतियों और पुत्रों की दखलअंदाजी का रिवाज समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। जनता ने जिन महिलाओं पर विश्वास जताकर अपना अमूल्य मत दिया और अपना प्रतिनिधि बनाया आज उन्हीं महिलाओं के पतियों और बेटों को उन पर ही भरोसा नहीं है और वह उन्हें कमजोर, और बेबस समझकर उनके कामों को खुद करने की जोर आजमाइस कर रहे है।


गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद पंचायतों में महिला सरंपचों के पति अपनी पत्नी के पद का दुरुपयोग करने से बाज नहीं आ रहे है। ताजा मामला रीवा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत बांसी का प्रकाश में आया है जहां महिला सरपंच के पुत्र और महिला सिकेट्री के पति मिलकर पंचायत भवन के बाहर ही स्थाई समिति का गठन करने लगे। हांलाकि इसका विरोध स्थानीय लोगों ने किया जिसके बाद उपसरपंच द्वारा पंचायत भवन के अंदर समिति का गठन किया गया।


इस पूरे मामले को लेकर गांव के ही श्रीराम द्विवेदी द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि आज ग्राम पंचायत बांसी में पंचायत समिति का गठन किया जाना था, जिसको लेकर सभी लोग एकत्रित हुए थे लेकिन महिला सरपंच का बेटा सुखेंद्र सिंह और महिला सेकेट्री सविता सिंह के पति शिवेंद्र सिंह द्वारा पंचायत भवन के बाहर ही बैठकर समिति का गठन किए जाने लगा।


सरपंच पुत्र और सिकेट्री के पति द्वारा की जा रही मनमानी के दौरान ग्रामीण सहित पंचायत के लोगों ने विरोध जताया और उनके द्वारा बनाई गई समिति की सूची को फाड़ दी गई। पंचायत भवन के बाहर हो रहे विरोध के बीच पंचायत के उपसरपंच विवेक पाण्डेय द्वारा पंचायत भवन के अंदर जाकर नियमानुसार स्थाई समिति का गठन किया गया।
बता दें कि जिले में इस तरह के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे है जहां महिला जनप्रतिनिधियों की जगह उनके पति या बेटे उनका काम कर रहे है। हालाकि कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ ने पंचायत नियमों का सख्ती से पालन कराने का आदेश दिया है और कार्यवाही के लिये भी चेताया है बावजूद सरपंच पति दखल देने से बाज नहीं आ रहे है।

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