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रीवा की सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल होगी और हाइटेक : बेहतर सुविधाएं प्रदान करने दिल्ली हैदराबाद व बैंगलूरु की टीम कर रही सर्वे कार्य

केन्द्र सरकार के निर्देश पर अस्पतालों की सुविधाओं के आधार पर रैंकिंग जारी करने कराया जा रहा सर्वे, एमपी में रीवा से हुई सर्वे की शुरुआत
तेज खबर 24 रीवा।
विकाश की ओर तेज गति से दौड़ रहा रीवा जिला अब हर क्षेत्र में अपने कदम बढ़ा रहा है।
स्वास्थ के क्षेत्र में रीवा को बेहतर बनाने की दिशा में किए जा रहे काम में एक और बड़ी उपलब्धि मिल सकती है जिसमें रीवा की सुपरस्पेशलिटी अस्पताल को और भी हाईटेक बनाने के लिए सर्वे का काम केन्द्र सरकार के निर्देश पर दिल्ली व हैदराबाद से रीवा आये तीन सदस्यीय दल द्वारा किया जा रहा है।
जनकारी के मुताबिक केन्द्र सरकार के निर्देश पर सरकारी अस्पतालों की सुविधाओं के आधार पर रैकिंग जारी करने के लिए सर्वे शुरु हुआ है। इसके लिए प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल भवन शामिल किए गए है। मध्यप्रदेश में सर्वे की शुरुआत श्यामशाह मेडिकल कॉलेज रीवा के सुपर स्पेशलिटी से हुई है। शुक्रवार को तीन सदस्यीय दल रीवा पहुंचा है जिसमें बैंगलूरु से बीनम्मा कुरियन, दिल्ली से प्रदीप शर्मा और हैदराबाद से बिंदु जार्ज शामिल है।

इस सर्वे के लिए तीन दिन निर्धारित किए गए है। इस निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं के मानकों का मूल्यांकन किया जा रहा है। सर्टिफिकेशन के बाद अस्पतालों की सेवाओं को लेकर लोगों के मन में किसी तरह का संदेह न रहे, इसके लिए सारी व्यवस्थाओं का मूल्यांकन पहले से ही किया जा चुका है। इस मूल्यांकन में जहां पर कमियां पाई जाएंगी उनके सुधार के लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को अवसर दिया जाएगा।


सर्वे में खरा उतरा तो यह सुविधांए मिलेगी
एनएबीएच सर्टिफिकेशन के बाद रीवा का सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल उन चिंहित अस्पतालों में शामिल हो जाएगा। यहां मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाएं मिलने का प्रमाणीकरण होगा। यह सिर्टिफिकेट मिलने के साथ ही सरकार की ओर से अतिरिक्त फंड भी इस अस्पताल को दिया जाएगा। यहां पर चिकित्सकों की पदस्थापना भी उसी स्टैंडर्ड के अनुसार की जाएगी।


सर्वे के दौरान इन व्यवस्थाओं का लिया गया जायजा
एनएबीएच सर्टिफिकेशन के लिए पहुंची टीम ने पहले दिन वार्ड में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को देखने के साथ ही ओपीडी में मरीजों को किस तरह से चिकित्सक तक पहुंचना होता है, इन सब व्यवस्थाओं का जायजा लिया। बताया गया कि नेफ्रालॉजी विभाग की व्यवस्थाओं को अभी अलग से देखने का कार्यक्रम बनाया गया है इसके अलावा डाक्यूमेंटेशन का कार्य भी टीम द्वारा देखा जा रहा है।

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