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REWA में सामाजिक सौहाद्र बिगाड़ने की कोशिश : नवरात्रि के पहले ही दिन असमाजिक तत्वों ने मंदिर में की तोड़फोड़ …

आक्रोशित ग्रामीणों ने की आरोपियों के गिरफ्तारी की मांग, पुलिस ने संदेहियों को हिरासत में लेकर शुरु की पूंछताछ
तेज खबर 24 रीवा।

शांति का टापू कहे जाने वाले रीवा जिले में एक बार फिर हिंदू धर्म की आस्था पर ठेंस पहुंचते हुए सामाजिक सौहाद्र को बिगाड़ने की नाकाम कोशिश की गई है। असमाजिक तत्वों ने नवरात्रि के पहले ही दिन हरदुआ गांव स्थित जगन्नाथ व शिव मंदिर के अंदर ना सिर्फ तोड़फोड़ की बल्कि भगवान जगन्नाथ की मूर्ति सहित शिवलिंग को भी खंडित करने का प्रयास किया है। घटना की जानकारी मंगलवार की आज सुबह जब लोगां को हुई तो मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई और सूचना पुलिस को दी गई। घटना से आक्रोशित लोगों ने मूर्ति और शिवलिंग को खंडित करने का प्रयास करने वाले आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की है। पुलिस ने घटना के कुछ ही देर बाद संदेहियों को हिरासत में लिया है जिनसे पूंछताछ की जा रही है


दरअसल मामला जिले के सेमरिया थाना क्षेत्र स्थित हरदुआ गांव का है। जानकारी के मुताबिक ग्राह हरदुआ के विशुद्ध तालाब में प्राचीन और प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर है, जहां शिवलिंग भी स्थापित हैं जो स्थानीय ग्रामीण सहित आसपास के लोगां के लिये आस्था का केन्द्र है। बताया गया कि मंगलवार की आज सुबह नावरात्रि के अवसर पर जब लोग मंदिर में दर्शन करने पहुंचे तो पाया कि मंदिर के अंदर का सामान बिखरा पड़ा है और भगवान जगन्नाथ की मूर्ति व शिवलिंग को खंडित करने का प्रयास किया गया है। घटना की खबर लगते ही ग्रामीणों की भारी भीड़ एकत्रित हो गई और उनके बीच काफी आक्रोश भी व्याप्त रहा। ग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना पर पहुंची सेमरिया थाना पुलिस ने मौका मुआयना कर मंदिर के पुजारी सहित आसपास के लोगों के बयान को दर्ज किया है। पुलिस ने ग्रामीणों के बताएनुसार कुछ संदेहियों को हिरासत में भी लिया है जिनसे घटना के संबंध में पूंछताछ की जा रही है।


बताया जाता है कि जगन्नाथ बाबा के 8 प्रसिद्ध तालाबों में से एक यह पहला निर्माण किया गया तालाब हरदुआ का है, जिसमें प्रसिद्ध मंदिर में असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़ की है। बताया जाता है कि उक्त तालाब का निर्माण कराने वाले जगन्नाथ बाबा के वंशज आज भी डांडिया और मऊहरा में है। इसके पहले भी यहां से प्रसिद्ध मूर्तियां चोरी हो चुकी है जिनका आजतक पता नही चला है।

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