शहर के बाहर डोगरा हनुमना मंदिर का पुजारी बनकर पत्नी के साथ रहता था आरोपी
घोटाले के मास्टरमाइंड का सगा रिश्तेदार है आरोपी, एफआईआर दर्ज होने के बाद से पुलिस को दे रहा था चकमा
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा के बहुचर्चित 20 करोड के सेंड्रीज घोटाले के आरोपी को पुलिस की सीआईडी टीम ने शहर के बाहर स्थित मंदिर से गिरफ्तार किया है। आरोपी मंदिर का पुजारी बनकर 6 सालों से साधू के भेष में ना सिर्फ पुलिस को चकमा देर रहा था बल्कि साधू के भेष में लोगों को धोखा रहा था। बताया जा रहा है कि आरोपी रीवा के बहुचर्चित सेंड्रीज घोटाले के मास्टरमाइंड रहे आरोपी का सगा रिश्तेदार चाचा है। दरअसल आरोपी के गिरफ्तारी की पुष्टि खुद सीआईडी डीएसपी असलम खान ने की है। उन्होंने बताया कि आरोपी की कई सालों से तलाशी जो मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद से लगातार फरार चल रहा था।
दरअसल रीवा सहित प्रदेश के बहुचर्चित जिला सहकारी बैक रीवा के डभौरा में 20 करोड़ के संड्रीज घोटाले के फरार एक आरोपी को सीआईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी फर्जीवाड़े में एफआईआर दर्ज होने के बाद साधु का वेश धारण पिछले 6 सालों से पुलिस को चकमा दे रहा था। एसपी नवनीत भसीन को मिली सूचना के बाद सीआईडी की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। फर्जीवाड़े का आरोपी कथित साधु संड्रीज घोटाले का सूत्रधार व मुख्य आरोपी रामकृष्ण मिश्रा का सगा रिस्तेदार (चाचा) बताया जा रहा है। बता दें कि इस घोटाले में कुल 67 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी जिनमें से इसके पूर्व 14 आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके है।
जानिए क्या है पूरा मामला…
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में केंद्रीय सहकारी बैंक रीवा में सीबीएस सिस्टम लागू होने पर 20 करोड़ से अधिक का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद 67 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था। इस मामले में चार बैंक महाप्रबंधकों के साथ कई शाखा प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था। जिनमें से 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। पूरे घोटाले का सूत्रधार व मुख्य आरोपी रामकृष्ण मिश्रा तत्कालीन शाखा प्रबंधक डभौरा सहकारी बैंक को गिरफ्तार कर लिया गया था जिसके बाद पूरा मामला सामने आया था।
सीआईडी को सौंपी गई थी घोटाले की जांच
इस बहुचर्चित घोटाले पर एफआईआर रीवा के ही डभौरा थाने में दर्ज की गई इसके बाद मामला सीआईडी को सौंप दिया गया। मुख्य आरोपी रामकृष्ण मिश्रा ने अपने रिस्तेदारों व अन्य के नाम करोड़ों की राशि ट्रांसफर किया था। जिसमें उसका सगा चाचा आरोपी अभय मिश्रा भी शामिल था। मामला सामने आने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी साधु का वेश धारण कर अपनी पत्नी के साथ रीवा के डोंगरा हनुमान मंदिर विवि थाना क्षेत्र में रह रहा था। जिसे सीआईडी पुलिस रीवा ने रेड डाल कर गिरफ्तार कर लिया।
घोटाले में शामिल इन आरोपियों पर दर्ज है एफआईआर
रीवा के बहुचर्चित संड्रीज मामले में 67 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है जिनमें मुख्यरूप से अरुण प्रताप सिंह, रामकृष्ण मिश्रा, रामवली वर्मा, रावेन्द्र सिंह, राजेश सिंह, संदीप सिंह, जय सिंह, आशीष गुप्ता, अमर सिंह, श्रीकृष्ण मिश्रा, अभय कुमार मिश्रा, अमित कुमार मिश्रा, लखनलाल वर्मा, रामनरेश नापित, अंजनी मिश्रा, विजय द्विवेदी, राजेश मिश्रा, बृजेश उर्मलिया, उर्मिला देवी, रमेश सिंह, संजय गुप्ता, अजय सिंह, प्रणेशचंद्र मिश्रा, जीएल मिश्रा, सुरेश साठी, राम मिश्रा, अनिल कुमार, राजीव मिश्रा, राजेन्द्र मोहन मिश्रा, अखिलेश सिंह, बीना नापित, विजय शंकर द्विवेदी, बृज ट्रेडर्स रीवा, कमलेश शुक्ला, एसके इंटरप्राइजेज, नतिलाल सिंह, राजेश ट्रेडर्स, अजय कुमार सिंह, लवकुश गुप्ता, प्रमोद सिंह, मुक्ता द्विवेदी, मीना गुप्ता, केवला देवी श्रीवास्तव, देवकली मिश्रा, सर्वेश प्रताप सिंह, ओम गुरुकृपा ट्रेडर्स, ज्ञानचंद गुप्ता, हरिओम इंटरप्राइजेज, उर्मलिया फिल एण्ड फ्लाई प्वाइंट, सिंह ट्रेडर्स, अंजनी शुक्ला, अखिलेश प्रताप सिंह, बृजेश सिंह, पंकज कुमार पाण्डेय, आरके एण्ड संस, प्रेमा सिंह, प्रदीप तिवारी, रामसागर नामदेव, विश्वनाथ सिंह, शुभम सिंह, पुष्पराज सिंह, सविता सिंह, अमरनाथ पाण्डेय, वीएस परिहार, आरके पचौरी, टाटा मोटर्स फाइनेंस आदि शामिल हैं।