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रीवा में गौवंश की तस्करी : 90 गौवंश की तस्करी करते पकड़े गए तस्कर, रस्सी से बांध रखे थे सींघ व पैर

सामाजिक कार्यकर्ता की सूचना पर पुलिस नें की कार्यवाही, गौवंश को छुड़ाने पर ग्रामीणों ने किया विरोध
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा जिले में बड़े स्तर पर गौवंश की तस्करी का मामला प्रकाश में आया है। तस्करों ने गौवंश को ले जाने और पुलिस से बचने के लिये नया तरीका अख्तियार किया है जिन्होंने मवेशियों को वाहन में लोड कर ले जाने की वजाय अब पैदल ले जाने लगे है ताकि उन पर कोई शक ना कर सके। पुलिस ने फिलहाल तस्करों द्वारा ले जाए जा रहे 90 गौवंश को तस्करों के कब्जे से छुड़ाया है और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है।


दरअसल मामला शहर से सटे सगरा थाना क्षेत्र का है जहां पड़रा गांव से पुलिस ने 90 गौवंश को तस्करों के कब्जे से छुड़ाया है। बताया गया कि पहले सामाजिक कार्यकर्ता बालकृष्ण द्विवेदी ने अपने साथियों के साथ मिलकर 90 की संख्या में गौवंश को पकड़ा और सूचना पुलिस को दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने गौवंश को ले जाने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। कार्यवाही के दौरान पाया गया कि तस्करों ने गौवंश की सीघों व पैरों को रस्सी से बांध रखा था तकि वह एक साथ चल सके।


गौवंश को छुड़ाने का ग्रामीणों ने किया विरोध
सामाजिक कार्यकर्ता व पुलिस ने जब गौवंशों को तस्करों के कब्जे से छुड़ाया तो स्थानीय ग्रामीण उसका विरोध करने लगे। ग्रामीणों का कहना था कि गौवंश उनकी फसलों को नुकसान पहुंचाते है जिन्हे गांव से बाहर ले जाना ही उचित है। पुलिस की कार्यवाही से ग्रामीण इतने आक्रोशित थे कि वह विवाद तक करने पर उतारु थे ऐसे में पुलिस ने ना सिर्फ उन्हें समझाइस दी बल्कि उनकी समस्या को देखते हुये सामाजिक कार्यकर्ता व पुलिस ने गौवंशों को गौशाला पहुंचाने की व्यवस्था बनवाई जिसके बाद मामला शांत हुआ। पुलिस ने फिलहाल तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है


तस्करों ने बदला तस्करी का तरीका
गौवंश की तस्करी करने वालों ने तस्करी का तरीका बदल दिया है। पूर्व में जिस तरह से तस्कर गौवंशों को एक बड़े वाहन में भरकर ले जाते थे अब ऐसा ना कर वह गौवंश को झुण्ड के रुप में पैदल ले जाते है ताकि उन पर किसी को कोई शक ना हो। अक्सर पुलिस व अन्य लोग पैदल मवेशियों को ले जाने वालों को किसान समझ बैठते है और इसी बात का तस्कर फायदा उठाकर गौवंश को एक राज्य से दूसरे राज्य तक पहुंचाते है।

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