Site iconSite icon Tezkhabar24.com

…जब क्लासरुम में टीचर ने तीसरी (3) के छात्र को जड़ा चांटा …फिर हुआ ऐसा कि टीचर रह गई हैरान…

रीवा शहर के निजी विद्यालय का मामला, स्कूल से घर लौटे छात्र गाल और पीट पर चोंट के निशान देख परिजन हुये आक्रोशित
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा शहर के एक निजी विद्यालय में टीचर को क्लासरुम में कक्षा तीसरी के छात्र को चांटा मारना मंहगा साबित हो गया। स्कूल से छुट्टी के बाद घर लौटे छात्र के गाल और पीठ पर चोंट के निशान देख परिजन आक्रोशित हो उठे। परिजनों के पूंछने पर छात्र ने बताया कि उसे टीचर ने मारा है जिसकी शिकायत लेकर परिजन स्कूल पहुंचे तो प्रबंधन सहित टीचर ने छात्र को ही दोषी ठहरा दिया जिसके बाद मामला थाने जा पहुंचा है। छात्र के परिजनों ने टीचर व स्कूल प्रबंधन के खिलाफ छात्र की पिटाई किये जाने की शिकायत दर्ज कराई है।


दरअसल मामला शहर के सिटी कोतवाली थाने का है जहां उपरहटी स्थित आनंद मार्ग स्कूल में पढ़ने वाले कक्षा तीसरे के छात्र की टीचर द्वारा पिटाई किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। घटना के संबंध में छाऋ की मां ने जानकारी देते हुये बताया कि उनका 7वर्षीय छात्र आनंद मार्ग स्कूल उपरहटी में अध्यनरत है। बताया गया कि रोजाना की तरह मंगलवार को उनका छात्र स्कूल गया हुआ था और शाम को जब वह घर लौटा तो कपड़े बदलते वक्त मां ने उसकी पीठ और गाल पर चांटों के निशान देखा। मां ने जब बेटे से पूंछा तो यह निशान कैसे पड़े तो उसने बताया कि टीचर ने उसकी पिटाई की है।


बेटे के शरीर पर चोट के निशान देख मां से रहा नहीं गया और वह बच्चे को लेकर स्कूल पहुंच प्राचार्य व टीचर से बात की तो प्रबंधन ने बच्चे को ही दोषी ठहरा दिया जिसके बाद उसने थाने पहुंचकर स्कूल प्रबंध सहित टीचर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। बच्चे की मां का आरोप है कि टीचर ने बच्चे के बाल पकड़कर उसे निर्दयता पूर्वक चांटो से मारा है, जिससे बच्चे के शरीर पर चोंट के निशान बने हुये है। पुलिस ने फिलहाल मामले को जांच में लिया है और संबंधितों के बयान दर्ज किये जा रहे है।


इधर मामले में स्कूल की टीचर ने बताया कि वह क्लासरुम में बच्चों को पढ़ा रही थी तभी बच्चा शैतानी करते हुये शोर मचा रहा था। टीचर ने बच्चे को समझाइस दी लेकिन जब वह नहीं मांना तो उन्होंने छात्र को डराने के लिये उसके गाल में तमाचा जड़ दिया जो अब टीचर के लिये मंहगा साबित हो रहा है। हांलाकि टीचर का कहना है कि उनका उद्देश्य बच्चे को कष्ट देना या चोंट पहुंचाना नहीं था।

Exit mobile version