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मध्य प्रदेश में काम करने वाले सरकारी डॉक्टरो की चली आ रही लंबित मांगों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नें सोमवार को बड़ी राहत देते हुए सातवां वेतनमान दिए जाने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि डॉक्टर को सातवां वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि जो भी त्रुटियां थी उसे दूर किया जाएगा। त्रुटि की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थी इस पर सुधार करने के लिए सरकार ने पहल शुरू कर दी है।
दरअसल मुख्यमंत्री ने यह घोषणा भोपाल के हमीदिया अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन का शुभारंभ करने के दौरान कही है। शिवराज हमीदिया अस्पताल के नए 2000 बेड के अस्पताल भवन के शुभारंभ पर बोल रहे थे। उन्होंने यहां 727 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपून किया। बोले-मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ 1 अप्रैल 2018 से मिला, बाकी को 2016 से मिला। अब सभी को 1 जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान का लाभ मिलेगा। सभी विभागों के डॉक्टरों के मूल वेतनमान की त्रुटि सुधरेगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में संविदा पर कम कर रहे कर्मचारियों और डॉक्टरों को भी सरकारी कर्मचारियों के बराबर सुविधा देगी इसके लिए कार्य योजना बनाई जा रही है।
डीएसीपी व्यवस्था होगी लागू, होंगे यह फायदे…
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को ऐलान किया कि डॉक्टरों के लिए अब डीएसीपी (डायनामिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) व्यवस्था लागू होगी। इससे समयबद्ध वेतनवृद्धि मिलेगी। पदोन्नति की बाध्यता नहीं रहेगी। इसमें 5, 10 व 15 का फॉर्मूला लागू होगा। अभी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों को 8, 16 व 30 साल में प्रमोशन मिलता है। नए फॉर्मूले से असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर भर्ती डॉक्टर 30 की बजाय 15 साल में प्रोफेसर बन जाएंगे। यहां बॉण्ड की राशि कम होगी।
हमीदिया में पहले इलाज बाद में पर्ची
भोपाल की हमीदिया अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन बनाई गई। 727 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई या आधुनिक इमरजेंसी मेडिसिन में अब मरीजों को पहुंचने पर पहले इलाज मिल सकेगा। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बताया कि पर्ची बनवाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी मरीज का पहले इलाज होगा और फिर बाद में उसकी पर्ची बनवाई जा सकेगी।