तेज खबर 24 नर्मदापुरम।
मध्यप्रदेश की एक महिला टीचर नें शिक्षा के क्षेत्र में ऐसी अलख जलाई कि उन्हें देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया। दरअसल मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम की टीचर को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित किया गया है। देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह सम्मान देकर शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगाने वाली टीचर सारिका घारू को सम्मानित किया। इस अवसर पर टीचर सारिका ने कहा कि यह सम्मान जो किया गया उनके लिए अविस्मरणी है और देश की प्रथम महिला के हाथों से यह सम्मान मिला यह उनके लिए किसी गौरव से कम नहीं।
शिक्षा में दिया अभूतपूर्व योगदान
नर्मदा पुरम में विज्ञान की टीचर सारिका घारू ने शिक्षा की क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया । उन्होंने छात्रों के जीवन में सुधार लाने के लिए दिन.रात मेहनत की और अवकाश के दिनों में भी नर्मदापुरम ही नहीं आसपास के जिलों में अपने खर्चे से पहुंचकर आदिवासी बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का काम तो करती ही है उन्होंने विज्ञान के प्रति छात्रों के मन में एक अलख जगाई। भारत सरकार ने भी उनके इस अभूतपूर्व योगदान को माना और अब उन्हें राष्ट्रपति सम्मान से नवाजा है ।
अंधविश्वास को मिटाया
शिक्षिका सारिका घारू ने दूर अंचल क्षेत्र में भ्रमण करके शिक्षा के प्रति वहां फैले अंधविश्वास एवं लोगों में जन जागरूकता की कमी को दूर करते हुए शिक्षा के लिए न सिर्फ प्रेरित की बल्कि अंधविश्वास को लोगों के मन से दूर किया। जिसका परिणाम रहा की अब विज्ञान के क्षेत्र में भी छात्रों का रुझान बढ़ा।
मेंटर के रूप में किया काम
शिक्षिका सारिका ने आदिवासी बहुल क्षेत्र में शिक्षा के प्रति जन जागरूकता लाने के लिए मेंटर के रूप में काम किया वे ऐसे क्षेत्रों में भ्रमण करती थी जहां शिक्षा के प्रति लोगों में जानकारी का अभाव था और उनके बीच रहकर वे शिक्षा के प्रति बच्चों में मेंटर के रूप में काम करती थी । इसके लिए उन्होंने जगोरी अभियान भी चलाया और लोगों को जन जागरूकता के माध्यम से पढ़ाई के साथ.साथ विज्ञान के प्रति जागरूक करने का काम कर रही हैं ।
मध्य प्रदेश गौरांवित
शिक्षक में अभूतपूर्व योगदान के लिए दिया जाने वाला राष्ट्रपति सम्मान मध्यप्रदेश की शिक्षिका सारिका घारू को मिलने से मध्य प्रदेश गौरवान्वित है।