जानिए धुनी रमाकर जलते अंगारों के बीच बैठकर अधिवक्ता क्यों कर रहे है यह कठिन तपस्या…
तेज खबर 24 रीवा।
मध्यप्रदेश के रीवा शहर में झुलसा देने वाली गर्मी में एक अधिवक्ता द्वारा जलते हुए अंगारों के बीच बैठकर कठिन तपस्या की जा रही है। प्राचीन काल की तरह कठिन तपस्या कर रहे अधिकवक्ता की तस्वीरें देखकर हर कोई हैरान है और सभी यह जानना चाहते है कि आखिर अधिवक्ता को इतनी कठिन तपस्या क्यों करनी पड़ रही है।
तस्वीरों में अधिवक्ता के चारों ओर लकड़ियां जल रही है जो अंगारों की तरह दहक रही है और इन दहकते अंगारों के बीच अधिवक्ता बैठकर अपनी साधना में लीन है। दरअसल अधिवक्ता के इस कठिन तपस्या की यह तस्वीर है रीवा शहर में स्थित सुप्रसिद्ध तीर्थस्थल लक्ष्णबाग संस्थान की जहां लक्ष्मणबाग परिसर में रीवा के अधिवक्ता दहकते अंगारों के बीच बैठकर कठिन तपस्या कर रहे है।
जानकारी के मुताबिक रीवा शहर के पण्डेयन टोला निवासी दीपक तिवारी पेशे से अधिवक्ता है जो रीवा जिला न्यायालय में वकालत करते है। बता दें कि इन दिनों अधिवक्ता दीपक तिवारी शहर के बीच स्थित तीर्थस्थल लक्ष्मणबाग मंदिर परिसर की खाली पड़ी भूमि में कठिन तपस्या कर रहे है। अधिवक्ता मंदिर के एक कोने में खाली पड़ी जमीन में धुनी रमाकर भगवान की साधना में लीन होकर संवाद करते है। उनका कहना है कि वह यह कठिन तपस्या विश्व के कल्याण के लिये कर रहे है।
तपस्या कर रहे अधिवक्ता के मुताबिक 9 दिनों की यह तपस्या 25 मई से प्रारंभ हुई है जो 2 जून तक चलेगी और वह हर रोज दोपहर 12 से 3 बजे तक यह तपस्या करते है। बता दें कि 3 घंटे की यह तपस्या अधिवक्ता जलते हुये अंगारों के बीच करते है, जिनके चारों ओर लकड़ियां जलती रहती है और बीच वह स्वयं नंगे बदन बैठकर तपस्या करते है।
गौरतलब है कि वर्तमान के परिवेश में प्राचीन काल की तरह तपस्या करना हर किसी के बस की बात नहीं है और वह भी दुनिया के लिये लेकिन रीवा के अधिवक्ता ने दुनिया के कल्याण के लिये इस कठिन तपस्या का रास्ता चुना है और वह 44 डिग्री तापमान की झुलसा देने वाली गर्मी में जलते हुए अंगारों के बीच बैठकर यह कठिन तपस्या कर रहे है।
बता दें कि जिस स्थान पर अधिवक्ता तपस्या कर रहे है वह तीर्थस्थान के साथ तपोस्थली भी कहीं जाती है जहां लोग तप करते हुये अक्सर यहां देखे जाते है।