दिल्ली व नेपाल में गोल्ड मेडल जीतने के बाद रीवा के अभिषेक का थाईलैंड में बजेगा डंका…
तेज खबर 24 रीवा।
कहते है मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र में कौशल की कमी नहीं है, फिर चाहे वह किसी भी क्षेत्र की बात हो वह अपने कौशल का लोहा मनवा ही लेते है। रीवा के ईश्वर पाण्डेय व कुलदीप सेन जैसे खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा के दम पर क्रिकेट की अंतर्राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के बाद अब फुटबाल के खेल में भी रीवा का युवक अंतराष्ट्रीय स्तर पर इतिहास बनाने का प्रयास कर रहा है।
दुनियाभर के फुटबाल प्रेमियों की नजर एक ओर जहां कतर में शुरु हो चुके फीफा वल्र्ड कप पर है तो वहीं मध्यप्रदेश के फुटबाॅल प्रेमियों के लिये बेहद ही खुशी की खबर है। खबर यह है कि 24 नवम्बर से थाइलैंड में होने वाले अडंर 21 फुटबाॅल टूर्नामेंट में भाग लेने के लिये मध्यप्रदेश के इकलौते खिलाड़ी रीवा के अभिषेक का चयन अंडर 21 इंटरनेशनल टीम में हुआ है। इसे हैरत की बात कहे या खुशी की बात कहे कि पूरे मध्यप्रदेश से अकेले अभिषेक को ही चुना गया है।
दिल्ली और नेपाल में जीते गोल्ड मेडल
अभिषेक नें बीते दिनों दिल्ली में अपने कौशल का लोहा मनवाते हुये गोल्ड मेडल हासिल किया जिसके बाद नेपाल में भी उसने गोल्ड मेडल पर ही अपना कब्जा जमाया। इन दो बड़ी उपलब्धियों के बाद अब अभिषेक का चयन थाईलैंड में 24 नवंबर से होने वाले अंडर 21 इंटरनेशनल टीम में हुआ है और अभिषेक की इस सफलता से रीवा में लोगों के बीच खुशी का माहौल व्याप्त है।
एसएएफ में पदस्थ हेडकांस्टेबल के पुत्र है अभिषेक
बता दें कि अभिषेक रीवा में एसएएफ नौंवी बटालियन में हेडकांस्टेबल के पद पर पदस्थ अमरबहादुर कोल के पुत्र है। अभिषेक ने स्कूल के समय से फुटबाल खेलने की शुरुआत की। अभिषेक ने शहर की फ्रामेंस मेमोरियल स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ली और नौंवी क्लास से खेल के मैदान में उतर गए। अभिषेक ने एसएएफ के मैदान में ही अपने कोच मोहम्मद कासिम से फुटबाॅल के खेल का फन हासिल किया जिसके बाद उनका चयन दिल्ली और नेपाल में खेलने के लिये हुआ और यही से अभिषेक ने उड़ान भरनी शुरु कर दी।
भारतीय टीम का है सपना…
अभिषेक इन दिनों रीवा के टीआरएस कॉलेज से बीसीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहे है। लेकिन पढ़ाई से अधिक उसकी रूचि खेल में दिखाई देती है। अभिषेक की ख्वाहिश है कि वह आगे इंडिया टीम के लिए खेले और फुटबॉल की दुनिया में रीवा का नाम रोशन करे। अभिषेक की इस सफलता से उनके माता पिता भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे है।