तेज खबर 24 भोपाल।
मध्यप्रदेश की नई मोहन सरकार पर वित्तीय संकट बना हुआ है। मौजूदा स्थित में मध्यप्रदेश सरकार 31 हजार करोड़ रूपए से अधिक के कर्ज में डूबी है जिससे सरकार का खजाना खाली है जिसका नतीजा है कि नई सरकार नें 38 विभागों की पुरानी योजनाओं पर वित्तीय रोक लगा दी है। गौरतलब है कि चुनाव से ठीक पहले मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार नें प्रदेश की जनता के लिये योजनाओं की बौछार लगा दी थी, और कई योजनायें चालू की थी, लेकिन अब वित्तीय संकट के चलते शिवराज सरकार की योजनाओं पर मोहन सरकार ताला लगाने का काम कर रही है।
दरअसल मध्यप्रदेश सरकार नें जिन योजनाओं पर वित्तीय रोक लगाई है उनमें 38 विभागों की योजनायें शामिल है जिनमें प्रमुख रूप से नगरीय प्रशासन विभाग की महाकाल परिसर विकाश योजनाएं मेट्रो ट्रेन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा संचालित तीर्थ दर्शन योजना भी शामिल है। इसके अलावा अपंजीकृत निर्माण मजदूरों को अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि देने की योजना भी समाप्त कर दी गई है।
अपंजीकृत निर्माण मजदूरों की अंत्योष्टि एव अनुग्रह योजना बंद…
वित्तीय संकट के बीच मध्य प्रदेश के अपंजीकृत निर्माण मजदूरों को अंत्येष्टि एवं अनुग्रह योजना को बंद कर दिया गया है। नई राज्य सरकार ने नौ साल पहले शिवराज सरकार के समय बनाई योजनाए जिसमें अपंजीकृत निर्माण श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए उनकी दुर्घटना में मृत्यु पर तीन हजार रुपये अंत्येष्टि सहायता एवं एक लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का प्रविधान थाए इसे भी बंद कर दिया है।
श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा योजना भी बंद…
मध्य प्रदेश श्रम विभाग के अंतर्गत कार्यरत भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल ने चार दिसंबर 2014 को मंडल में अपंजीकृत निर्माण श्रमिकों को भी सामाजिक सुरक्षा देने की योजना जारी की थी जिसमें निर्माण श्रमिकों को उनकी मृत्यु पर तीन हजार रुपये अंत्येष्टि सहायता, निर्माण कार्य के दौरान घटित दुर्घटना में मृत्यु होने पर एक लाख रुपये एवं दुर्घटना में स्थाई अपंगता आने पर 75 हजार रुपये अनुग्रह राशि देने का प्रविधान था। 13 जनवरी 2017 में इस योजना में बदलाव कर प्रविधान किया गया था कि दुर्घटना में मृत्यु होने पर चार लाख रुपये एवं दुर्घटना में स्थाई अपंगता आने पर दो लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाएगी। अब यह योजना पूरी तरह बंद कर दी गई है।
इन योजनाओं भी लगा ताला…
गृह विभाग के अंतर्गत थानों के सुदृढ़ीकरण, परिवहन विभाग की ग्रामीण परिवहन नीति के क्रियान्वयन, खेल विभाग के खेलो इंडिया एमपी, सहकारिता विभाग की मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना, लोक निर्माण विभाग की विभागीय संपत्तियों के संधारण, स्कूल शिक्षा विभाग की निशुल्क पाठ्य सामग्री के प्रदाय, प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लेपटाप प्रदाय, एनसीसी के विकास एवं सुदृढीकरण, जनजातीय कार्य विभाग टंट्या भील मंदिर के जीणोद्धार, उच्च शिक्षा विभाग की योजना, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के नए आईटी पार्क की स्थापना, विमानन विभाग की भू.अर्जन के लिए मुआवजा, ग्रामीण विकास विभाग की पीएम सड़क योजना में निर्मित सड़कों का नवीनीकरण और महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए भवन निर्माण सहित अन्य योजनाओं में व्यय बिना वित्त विभाग की अनुमति के नहीं किया जा सकेगा।