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रीवा के किसान की सफलता की कहानी : फसल विविधीकरण अपनाकर खेती से हर साल कमा रहे लाखों, जानिए कैसे

कृषि विशेषज्ञों से मिलकर पुरानी तकनीक को छोड़ खेती को आधुनिक बनाने का किया प्रयास, अब पा रहे अच्छा लाभ
तेज खबर 24 रीवा।


रीवा जिले के हनुमना विकासखण्ड के ग्राम बन्ना निवासी राजेश सिंह परंपरागत रूप से खेती कर रहे थे। उनके पास 4 से 5 एकड़ जमीन है। इसमें पहले वे केवल धान तथा गेंहू की फसल उगाते थे। पुरानी तकनीक से खेती करने पर बहुत अच्छा उत्पादन प्राप्त नहीं हो रहा था। राजेश सिंह ने कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क करके खेती को आधुनिक बनाने का प्रयास किया। उन्होंने अपने खेत में सिंचाई की व्यवस्था की। गेंहू तथा धान के साथ साथ राजेश ने सरसों, अरहर, मूंग और उड़द की फसलें लेनी शुरू की। खेतों की मेड़ पर उन्होंने अरहर की खेती की। खेत में खाली पड़े उपयुक्त स्थल पर राजेश ने सब्जी की खेती शुरू की। उन्होंने बैगन, आलू, मूली और टमाटर की फसल लगाई। इनसे निकलने वाली सब्जी गांव में ही आसानी से बिक्री होने से अब राजेश को अतिरिक्त आय प्राप्त होने लगी।
फसल विविधीकरण अपनाने के बाद राजेश को प्रति हेक्टेयर अधिक फसल उत्पादन मिला। वर्तमान में फसलों की उत्पादकता धान 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, अरहर 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, तिल 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, उड़द 15 क्विंटल प्रति हेक्टयेर, सरसों 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, चना 18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तथा गेंहू 38.5 क्विंटल प्रति हेक्टयेर उत्पादकता प्राप्त हुई। फसल विविधीकरण तथा आधुनिक तकनीक अपनाने से खेती से अच्छा लाभ प्राप्त होने लगा।

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