परीक्षाओं के प्रश्नपत्र तैयार करने व उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के भुगतान में की गई अनियमित्ता…
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा के ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय ( TRS College) में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले में ईओडब्ल्यू ने शुक्रवार को पहला चालान विशेष कोर्ट में पेश कर दिया है। इसमें तीन तत्कालीन प्राचार्य रामलला शुक्ला, सत्येंद्र शर्मा और एमयू खान पर ढाई करोड़ रुपए से अधिक की राशि का गबन करने का आरोप है। विशेष कोर्ट ने शुक्रवार को तीनों की जमानत निरस्त करते हुए उन्हें जेल भेज दिया है।
दरअसल मामले में पुलिस कीआआर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों रीवा (EOW) नें तत्कालीन प्राचार्य सहित 19 लोगों पर केस दर्ज किया था। वर्ष 2020 में टीआरएस कॉलेज के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष कलेक्टर ने विशेष टीम गठित कर भ्रष्टाचार की जांच कराई थी। इसमें वर्ष 2009 से लेकर वर्ष 2020 तक किए गए भुगतान का परीक्षण किया गया, सामने आया कि तत्कालीन प्राचार्यों ने नियमों की अनदेखी करते हुए अनियमित रूप से खुद के लिए भी भुगतान कर लिया और दूसरे प्रोफेसर और कर्मचारियों को भी मनमानी भुगतान किया। परीक्षा में प्रश्न पत्र तैयार करने और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में भुगतान अनियमित रूप से किया गया था। आरोप है कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के नाम पर जो राशि अन्य प्रोफेसरों को भुगतान की गई उसी तरह प्राचार्य ने खुद के लिए भी भुगतान कर लिया था जिसमें पूर्व प्राचार्य रामलला शुक्ला पर 1.39 करोड़ रुपए, एमयू खान पर 52.31 लाख रुपए एवं सत्येंद्र शर्मा पर 14.99 लाख रुपए भुगतान लेने का आरोप है।
तीनों प्राचार्य स्कैम के संरक्षक और सूत्रधार …
कॉलेज में हुए आर्थिक अनियमितता की जांच करने वाली आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की टीम ने पाया कि कॉलेज के तीनों तत्कालीन प्राचार्य पूरे भ्रष्टाचार के संरक्षक और सूत्रधार रहे हैं। उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रुपए की हेराफेरी की है। इन पर बड़ा आरोप यह है कि जिस अध्यादेश के जरिए उन्होंने निर्माण एवं अन्य कार्यों के भुगतान के लिए दरें निर्धारित की थी उसे वित्त विशेषज्ञों और प्रबंध समिति के अनुमोदन के बिना ही उसे लागू कर दिया गया। इसी के चलते करोड़ों का भुगतान भी कर दिया डाला। ईओडब्ल्यू के पहले विभागीय जांच ने भी माना था कि उक्त आदेश असंवैधानिक है। इसलिए उसके आधार पर किए गए भुगतान को जायज नहीं माना जाना चाहिए।
इन 19 लोगों पर दर्ज है FIR
टीआरएस कॉलेज घोटाले में जिन प्रमुख लोगों को ईओडब्लू द्वारा आरोपी बनाया गया था उनमें तत्कालीन प्राचार्य रामलला शुक्ला सत्येंद्र शर्मा व एम यू खान शामिल है। जबकि प्रोफ़ेसर अजय शंकर पांडे, कल्पना अग्रवाल, संजय सिंह, संजय शंकर मिश्रा, आरती चतुर्वेदी, बीपी सिंह, सुशील कुमार दुबे, अवध प्रताप शुक्ला, आरएन तिवारी, एसएन पांडेय, आरके धुर्वे, एचडी गुप्ता, श्रमिक प्रियंका मिश्रा, प्रभात प्रजापति, भ्रत्य राम प्रकाश चतुर्वेदी एवं तत्कालीन लेखपाल का नाम भी शामिल है।इन सभी के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 420, 409 एवं 120बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम की धारा 13 (1) बी एवं 13 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।बताया गया है कि इनमें से कई प्रोफ़ेसर रिटायर हो चुके हैं जबकि एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है।
इनका कहना है।
टीआरएस कॉलेज में हुई आर्थिक अनियमितता के मामले में पहला चालान कोर्ट में पेश किया गया है। कोर्ट ने तीन तत्कालीन प्राचार्य को जमानत अर्जी अस्वीकार करते हुए जेल भेज दिया है। मामले की विवेचना अभी जारी है जिसमें आरोपियों की संख्या और भी बढ़ेगी।
प्रवीण चतुर्वेदी, विवेचक ईओडब्ल्यू रीवा