विधायक के धमकीभरे आडियों वायरल होने के बाद सीईओ पर हुआ था हमला, शिकायत के बाद भी विधायक के खिलाफ नहीं दर्ज हुई थी एफआईआर
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा जिले के सिरमौर जनपद सीईओ पर जानलेवा हमले के मामले में कोर्ट ने सेमरिया से भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी को अपराधिक धाराओं के तहत नामजद किया है। इसके साथ ही उन्हें 8 दिसंबर को अगली पेशी पर हाजिर होने के लिए सम्मन जारी किया है। न्यायालय में दायर परिवाद की सुनवाई में पेश साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने विधायक सहित अन्य को आरोपी बनाया है।
गौरतलब है कि 16 अगस्त को सिरमौर जनपद पंचायत के सीईओ एसके मिश्रा पर सेमरिया थाना क्षेत्र के ग्राम पुरवा के समीप जानलेवा हमला किया गया था। घटना उस वक्त हुई थी जब विधायक केपी त्रिपाठी द्वारा जनपद पंचायत सीईओ को फोन पर धमकाने वाला ऑडियो वायरल हुआ था। मामले में पुलिस ने विनय शुक्ला, मनीष शुक्ला, सत्यभान सिंह पटेल, ध्रुव तिवारी, सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है था।
इस पूरे घटनाक्रम की साजिश में पीड़ित ने विधायक केपी त्रिपाठी पर आरोप लगाया था लेकिन पुलिस ने कोर्ट में जो चालान पेश किया है उसमें विधायक की भूमिका का उल्लेख नहीं है इस कारण पीड़ित ने सिरमौर न्यायालय में परिवाद दायर किया था।
परिवाद की सुनवाई के दौरान न्यायालय में पेश साक्ष्यों की सुनवाई और घटना में विधायक की संलिप्तता के पर्याप्त साक्ष्य स्पष्ट रूप से दर्शित मानते हुए न्यायालय ने उन्हें धारा 341 294 342 147 148 149 353 332 325 333 के तहत नामजद किया है। न्यायालय ने 8 दिसंबर को विधायक को हाजिर होने के लिए समन जारी किया है साथ ही इस मामले में विवेक गौतम, अंकित विश्वकर्मा को भी नामजद किया गया है। अपने बयान में सीओ ने इनका नाम दर्ज कराया था लेकिन पुलिस ने एफआईआर में इनका नाम अलग कर दिया था और जांच का हवाला देकर पुलिस ने मामले का चालान पेश किया है।
न्यायालय ने दिये यह निर्देश
मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पुलिस को 3 बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट 8 दिसंबर को पेश करने के निर्देश दिए हैं अधिवक्ता राजेश सिंह ने बताया कि इनमें सीओ व विधायक के बीच हुई बातचीत का सिडियार लेना और बातचीत की ऑडियो की रिकॉर्डिंग की जांच करवाना प्रकरण में शामिल आरोपियों की सीडीआर व टावर लोकेशन संकलित करना शासकीय वाहन में तोड़फोड़ की नुकसानी के संबंध में साक्ष्य एकत्रित करना शामिल है इन बिंदुओं पर पुलिस जांच कर न्यायालय में प्रतिवेदन पेश करेगी।