2 माह के रुके वेतन के लिये समन्वय अधिकारी काट रहा था चक्कर, बाबू से 150 और सीईओ 5000 हुये जप्त…
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा के जिला जनपद कार्यालय में चल रहे रिश्वतकांड का लोकायुक्त पुलिस ने आज बड़ा भंडाफोड़ किया है। लोकायुक्त ने जनपद कार्यालय की महिला सीईओ सहित बाबू को एक साथ 6500 की रिश्वत लेते पकड़ा। इस रिश्वतकांड में चैकाने वाली बात तो यह है कि सीईओ सहित बाबू नें रिश्वत की यह रकम अपने ही कार्यालय में पदस्थ समन्वयक अधिकारी से उसके रुके हुये वेतन को जारी करने के एवज में मांगी थी। मामले में फरियादी समन्वयक अधिकारी की शिकायत पर लोकायुक्त ने जब यह कार्यवाही की तो दिए गए 6500 की रकम में 1500 बाबू के पास तो 5000 जनपद की सीईओ के पास से जप्त किये गए है।
दरअसल यह कार्यवाही आज दोपहर लोकायुक्त की टीम ने रीवा जनपद कर्यालय में की है जिसके बाद से वहां मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मचा रहा। लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने जानकारी देते हुये बताया कि जनपद कार्यालय में पदस्थ फरियादी समन्वयक अधिकारी संजीव पाण्डेय ने अपनी शिकायत में बताया कि वह दो माह से मेडिकल लीव पर थे जिसके चलते उनका वेतन रुका हुआ था। फरियादी ने वेतन के लिये मेडिकल से संबंधित सारे दस्तावेज भी अपने कार्यालय को उपलब्ध करा दिए लेकिन उनका वेतन रिलीज नहीं किया जा रहा था। पीड़ित ने जब जनपद सीईओ विजय लक्ष्मी मरावी से बात की तो उन्होंने बाबू महेन्द्र वर्मा के पास भेज दिया जिसने वेतन रिलीज करने के एवज में 6500 रुपए की बतौर रिश्वत मांग की।
बताया गया कि फरियादी को रिश्वत देना मंजूर नहीं था जिसके चलते उसने लोकायुक्त के रीवा कार्यालय मंे शिकायत दर्ज कराई। लोकायुक्त ने फरियादी की शिकायत जांच में सही पाए जाने के बाद टैªप कार्यवाही को सुनियाजित तरीके से अंजाम दिया। फरियादी ने सबसे पहले जनपद कार्यालय के बाबू महेन्द्र वर्मा को 6500 रुपए दिये जिसे मिलने के तुरंत बाद ही बाबू ने 5 हजार की रकम जनपद सीईओ को दे दी और बचे हुये 1500 रुपए अपनी जेब में रख लिये जिसे लोकायुक्त ने जप्त करते हुये दोनों को एक साथ पकड़ लिया। मामले में जनपद सीइओ सहित बाबू के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है और अब आंगे की कार्यवाही की जा रही है।