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टीआई गोलीकांड का सच…जानिए क्यों और कैसे हुआ गोलीकांड, अब आंगे क्या…?

तेज खबर 24 रीवा।
रीवा में गुरुवार को हुये गोलीकांड की घटना ने पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया है। यहां सिविल लाइन थाने के टीआई को थाने के भीतर ही सब इंस्पेक्टर बीआर सिंह ने गोली मार दी। घटना के दौरान थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने घायल टीआई को जहां उपचार के लिये नजदीकी निजी अस्पताल पहुंचाया तो वहीं गोली मारने वाले एसआई को थाने के ही कमरे में बंद कर दिया था। मामले में पुलिस अधिकारियों ने पहली प्राथमिकता टीआई को बचानें में दी और वह अस्पताल में ही डटे रहे। इधर थाने के कमरे में बंद आरोपी एसआई को घटना के तकरीबन 5 घंटे बाहर निकाला गया जिसके कब्जे से दो पिस्टले व तकरीबन 20 राउण्ड जिंदा कारतूस बरामद किए गए है। मामले में रीवा जोन एडीजी केपी व्यंकटेश्वर राव नें आरोपी एसआई को सेवा से बर्खास्त कर दिया है तो वहीं पुलिस ने एसआई को हिरासत में लेकर उसके विरुद्ध हत्या के प्रयास की धारा 307 का अपराध दर्ज कर कार्यवाहीं में जुटी है।

दरअसल यह पूरा घटनाक्रम गुरुवार की दोपहर तकरीबन 2.30 बजे सिविल लाइन थाने के भीतर टीआई की केबिन में हुआ है। टीआइ को गोली मारे जाने की वजह चार दिन पहले उनको लाइन अटैच करना सामने आई है। थाने के पुलिसकर्मियों ने बताया कि सब इंस्पेक्टर ने आते ही टीआइ से यह सवाल किया कि उन्हें किस वजह से लाइन अटैच कराया गया है। इस पर टीआइ ने कहा कि एसपी का आदेश है, वही बता सकते हैं। मैं इस संबंध में कुछ नहीं बोल सकता। इसी बात पर सब इंस्पेक्टर और टीआइ के बीच कहासुनी शुरू हो गई और लाइन अटैच होने से नाराज एसआई ने टीआई को गोली मार दी।

फाइलों को बीच पिस्टल रखकर टीआई के केबिन पहुंचा एसआई
आरोपी एसआई बीआर सिंह को चार दिन पूर्व पुलिस अधीक्षक द्वारा लाइन अटैच कर दिया गया था। गुरुवार को एसआई अपने पास रखी केस डायरियों को सौंपने थाने पहुंचा और जब वह टीआई की केबिन में दाखिल हुआ तो वह पहले से ही फाइल के बीच में लोडेड पिस्टल रखे था। टीआई के केबिन में पहुंचने के बाद एसआई ने वहां मौजूद लोगों से बाहर जाने को कहा और सीधे टीआई से सवाल कर बैठा कि उसे लाइन अटैच क्यों कराया गया है। एसआई को टीआई ने जवाब दिया कि लाइन अटैच के पीछे की वजह पुलिस अधिकारी ही बता सकते है। बस इसी बात को लेकर एसआई टीआई पर बरस पड़ा और पहले से लोड कर लाई गई पिस्टल से गोली चला दी जो टीआई के कंधे और सीने के बीच में जा धंसी।

5 घंटे तक एसआई ने फैलाकर रखी दहशत
थाने के भीतर हुये गोलीकांड के बाद थाना सहित पुलिस कंट्रोल रुम परिसर में तकरीबन 5 घंटे तक दहशत का माहौल रहा। टीआई को गोली मारने के बाद थाने के ही कमरे में बंद एसआई ने यह बात बोलकर दहशत फैला दी कि उसके पास दो पिस्टल व 80 राउण्ड कारतूस है और वह सिर्फ आईजी से बात करेंगे। एसआई की इस बात को सुनकर थाने के आसपास जाने में भी पुलिसकर्मी कतराते रहे और घंटो तक उनसे किसी नें भी बात करने का प्रयास नहीं किया। हांलाकि बाद में एएसपी अनिल सोनकर सहित त्योथर एसडीओपी समरजीत सिंह परिहार व तत्कालीन निरीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने आरोपी एसआई से बातचीत की और उनके आक्रोश को शांत कराते पुलिस कस्टडी में ले लिया गया।

देर रात टीआई के शरीर में धंसी बुलेट निकाली गई बाहर
एसआई द्वारा मारी गई गोली टीआई के काॅलर बोन के नीचे लंग्स में धंसी हुई थी। टीआई के शरीर से अत्यधिक रक्तस्त्राव होने जाने की वजह से उनकी कंडीशन क्रिटिकल थी ऐसे में टीआई के बेहतर उपचार सहित शरीर में धंसी गोली को निकालने के लिये भोपाल व जबलपुर से विशेषज्ञ डाॅक्टरों की टीम रीवा बुलाई गई जिन्होंने देर रात आपरेशन कर टीआई के शरीर में धंसी बुलेट को बाहर निकाला और लगातार हो रहे रक्तस्त्राव को भी रोका गया। चिकित्सकों की मांने तो अब टीआई खतरे से बाहर है और उनकी हालत में धीरे धीरे सुधार हो रहा है।

पुलिस हिरासत में एसआई, एडीजी नें किया सेवा से बर्खास्त
टीआई गोलीकांड के आरोपी एसआई बीआर सिंह को घटना के तकरीबन 5 घंटे बाद पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है। आरोपी एसआई के कब्जे से दो पिस्टलें व 20 जिंदा कारतूस भी बरामद किये गए। जप्त पिस्टलों में एक सर्विस रिवाल्वर थी जबकि दूसरी उनकी अपनी खुद की लाइसेंसी पिस्टल थी। मामले में एक ओर जहां एसआई के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा 307 का अपराध दर्ज कर लिया गया है तो वहीं रीवा जोन एडीजी नें एसआई को सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

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