योजना में परंपरागत मछलीपालकों, युवाओं, महिला उद्यमियों तथा मछलीपालक किसानों को लाभ देने के लिए अनेक गतिविधियां है संचालित
तेज खबर 24 रीवा।
मछलीपालन से जुड़ी सभी गतिविधियों को समेकित करके प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना बनाई गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मछलीपालन को बढ़ावा देना तथा मछली की उत्पादकता में वृद्धि करना है। योजना में परंपरागत मछलीपालकों, युवाओं, महिला उद्यमियों तथा मछलीपालक किसानों को लाभ देने के लिए अनेक गतिविधियां संचालित हैं। इस योजना के तहत नए तालाब निर्माण तथा पुराने तालाबों के सुदृढ़ीकरण के लिए भी आर्थिक सहायता का प्रावधान है। योजना के तहत मछलीपालन के आधारभूत ढांचे के विकास एवं कुशल प्रबंधन के द्वारा मछली पालकों की आय को दुगना करने का उद्देश्य है।
योजना में अनुदान व ऋण की भी सुविधा
इस संबंध में सहायक संचालक मछलीपालन शिवेन्द्र सिंह ने बताया कि योजना के तहत प्रति हेक्टेयेर तालाब निर्माण के लिए 7 लाख रुपए का ऋण बैंक के माध्यम से दिया जाता है। योजना में 40 प्रतिशत अनुदान शामिल है। महिला मछलीपालकों को तालाब निर्माण के लिए 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसके साथ.साथ नई मछली हेचरी की स्थापना मत्स्य बीज संवर्धन के लिए रेयरिंग पोखर निर्माण तथा मिश्रित मछली पालन के लिए भी योजना में प्रावधान है। मत्स्य संपदा योजना में मछली पालन से जुड़ी अन्य गतिविधियों के लिए भी प्रावधान किया गया है। इस योजना का लाभ लेकर मछलीपालक अपने तालाब में रंगीन मछलियों की ब्राडिंग और रेयरिंग इकाई तथा बायोफ्लास्क की स्थापना कर सकते हैं।
बिक्री और परिवहन के लिय भी योजना में प्रावधान
सहायक संचालक ने बताया कि मछलीपालन के साथ.साथ इसकी बिक्री और परिवहन के लिए भी योजना में प्रावधान किया गया है। इसके तहत मछलीपालक किसान आइसबॉक्स युक्त मोटरसाइकिल तथा ऑटारिक्शा योजना से खरीद सकते हैं। मछली के लिए चारादाना निर्माण, इकाई आइस प्लांट, मछली कियोस्क सेंटर तथा थोक मछली बाजार का निर्माण भी इस योजना से किया जा सकता है। योजना के संबंध में अन्य जानकारियां कार्यालयीन दिवस में सहायक संचालक मछलीपालन कार्यालय शिल्पी प्लाजा ए ब्लॉक से प्राप्त की जा सकती हैं। भारत सरकार की वेबसाइट एनएफडीबी डॉट जीओभी डॉट इन पर भी योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी उपलब्ध है।